नोटबंदी की वो खबर तो सबने पढ़ी होगी कि बैंकों की लापरवाही और बेईमानी की वजहों से नोटबंदी सफल नहीं हो पाई। उस समय देश की अर्थव्यवस्था की बात थी। निशाने पर मोदी सरकार थी और विपक्ष जनता को हो रही परेशानियों को लेकर भाजपा को घेरने में लगा था। लेकिन इस बार फरमान पीएम मोदी ने नहीं सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था। इस बार देश की अर्थव्यवस्था नहीं देश के पर्यावरण का सवाल था। इस बार बैंकों में लाइन नहीं लगाना था बल्कि पटाखों को बजाने से खुद को रोकना था। इस बार बैंकों के कर्मचारियों ने घोटाला नहीं किया खुद जनता ही घोटालेबाज बन गई। ऐसे में धन की देवी लक्ष्मी और बुद्धि के देवता गणेश की पूजा करके सभी ने अपना धन और बुद्धि देश के पर्यावरण को नष्ट करने में लगा दिया और जोर-जोर से चिल्लाया जय-गणेश,जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती….।

दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की ओर से पटाखों की बिक्री पर रोक के बावजूद  जमकर आतिशबाजी की गई।  रिपोर्ट के मुताबिक, आतिशबाजी से शहर में 24 गुना तक प्रदूषण बढ़ गया है। सबसे ज्यादा प्रदूषण आरके पुरम में हुआ है। प्रदूषण की जांच करने वाले स्टेशन के ऑनलाइन इंडिकेटर्स ने लाल रंग दिखाया जिसका मतलब था कि एयर क्वालिटी बहुत ही खराब है। सुबह सात बजे पीएम 2.5 का स्तर पीएम 10 से बहुत ज्यादा बढ़ा हुआ मापा गया था। यह कण श्वसन प्रणाली में चले जाते हैं और ब्लडस्ट्रेम में पहुंच जाते हैं।  राष्ट्रीय राजधानी में आज सुबह प्रदूषण का सूचकांक बढ़कर 350 के पार पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट के अनुसार आज सुबह छह बजे दिल्ली में प्रदूषण सूचकांक 351 दर्ज किया गया जो बेहद खराब की श्रेणी में आता है।

दिल्ली की हालत ये है कि वहां का कोई भी क्षेत्र ले लें वहां सबसे महीन कण वाले प्रदूषण की मात्रा सामान्य से कहीं ज्यादा बनी हुई है। इंडिया गेट पर सुबह 6 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 911 माइक्रोन है, जबकि सामान्य तौर पर इसे सिर्फ 60 माइक्रोन होना चाहिए। डीपीसीसी के आंकड़ें बताते हैं कि अशोक विहार में पीएम 2.5 की मात्रा 820 माइक्रोन है जो सामान्य से 14 गुना ज्यादा और आनंद विहार में पीएम 2.5 कणों की मात्रा 617 माइक्रोन है जो सामान्य से 10 गुने से भी ज्यादा है।  चिंता की बात यह है कि पीएम 2.5 का स्तर इंडिया गेट जैसे इलाकों में दर्ज किया गया जहां हर रोज सुबह कई लोग आते हैं वहां प्रदूषण 15 गुने से भी ज्यादा ऊपर आया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते गुरुवार को एयर क्वॉलिटी इंडेक्स 319 था, जो काफी खराबस्थिति है लेकिन पिछले साल की अपेक्षा ये कम है क्योंकि पिछले साल इंडेक्स 431 पर पहुंच गया था। 

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