पांच राज्यों के चुनाव के बाद अब सबकी नजरें दिल्ली में होने वाले एमसीडी चुनाव पर हैं। सभी पार्टियों ने इसके लिए कमर कस ली है। आम आदमी पार्टी के संरक्षक अरविंद केजरीवाल ने मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि वो चुनाव आयोग को लिखें कि आगामी एमसीडी चुनाव EVM से नहीं बल्कि बैलट पेपर से हो। तो वहीं बीजेपी ने अपने सभी मौजूदा पार्षदों का टिकट न देने का ऐलान किया है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह इस चुनाव को भी गंभीरता से ले रहे हैं, और खास रणनीति तैयार कर रहे हैं।

पार्टी ने यह भी तय किया है कि पार्षदों के किसी रिश्तेदार या परिवार वालों को भी टिकट नहीं मिलेगा। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मंगलवार को बताया कि बहुत सोच-समझकर पार्टी ने यह निर्णय किया है। दिल्ली में एमसीडी चुनाव अप्रैल में चुनाव होने के आसार हैं। बता दें कि बीजेपी दिल्ली के तीनों नगर निगम पर सत्ताधारी है।

गौरतलब है कि दिल्ली की तीनों नगर निगम पर अभी बीजेपी का कब्जा है लेकिन चुनाव में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस कड़ी टक्कर देने की तैयारी में लगी है। दिल्ली में कुल 272 पार्षदों में 153 बीजेपी के पार्षद है।

पार्टी के इस फैसले पर मनोज तिवारी का कहना है, “सबसे विचार विमर्श करके यह फैसला किया गया है और इस पर किसी का विरोध नहीं होने वाला है।” तिवारी ने साथ ही दावा किया कि बीजेपी के नेतृत्व वाली एमसीडी ने दिल्ली को बचा रखा है। उन्होंने कहा कि पार्टी एमसीडी के कार्यों का लिखित ब्योरा दे रही है। उन्होंने कहा, “बीजेपी के लोग पद के लिए काम नहीं करते हैं।”

तिवारी ने कहा, “सभी को नए लोगों के राजनीति में आने का स्वागत करना चाहिए। सभी को योग्यता के अनुसार ही टिकट मिलेगा।” उन्होंने कहा कि बीजेपी के इस फैसले से नए लोगों को भी मौका मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार से एमसीडी को जो बजट मिलना था वह अभी तक नहीं मिला। तिवारी ने कहा, “पार्टी के इस फैसले से अब परिवारवाद नहीं रहेगा।”

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