आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने गुरूवार को पूरे बिहार में बालू और गिट्टी की बिक्री पर सरकारी नियंत्रण के खिलाफ बिहार बंद का ऐलान किया, जिसकी वजह से भारी संख्या में कार्यकर्ता और पार्टी के समर्थक सड़को पर उतर आए और चक्का जाम लगा दिया। जिससे एक महिला की मौत भी हो गई।

राजद के सुप्रीमो लालू यादव ने कहा था कि एंबुलेंस को बंद से मुक्त रखा जाएगा। लेकिन गोपालगंज में हुए बड़े हादसे के बाद भी इन लोगों को आमजन के दर्द से मतलब नहीं एंबुलेंस फंसी रहीं जिससे मरीज की मौत हो गई है। लालू यादव के दोनों बेटे तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव अन्य नेताओं के साथ सड़क पर उतरे। सड़क जाम कर रहे आरजेडी के कार्यकर्ता किसी भी गाड़ी को चलने नहीं दे रहे हैं। हाजीपुर को पटना से जोड़ने वाले गांधी सेतु पर ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है। वैशाली जिले के महनार की एक महिला मरीज को लेकर पटना आ रही एम्बुलेंस को सड़क जाम कर रहे लोगों ने जाने नहीं दिया। जिससे महिला की मौत हो गई।

आपको बता दें कि सरकार ने बालू और गिट्टी के कारोबार पर नियंत्रण लगाया था। आरजेडी इसका विरोध कर रही है। इसी विरोध के चलते लालू यादव ने गुरुवार को बिहार बंद बुलाया था।

गौरतलब है कि बिहार बंद से पहले ही नीतीश सरकार ने बालू खनन नीति पर यू-टर्न ले लिया था। बिहार सरकार ने बालू खनन पर सरकारी नियंत्रण खत्म कर पुरानी नीति लागू करने का फैसला कर दिया है। बुधवार देर शाम बिहार के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि बिहार सरकार ने 2013 में खनन नीति बनाई थी, उसी के आधार पर अब बालू का खनन होगा।

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