यूं तो देश के प्रति प्रेम और देशभक्ति को दिखावे की जरूरत नहीं पड़ती। लेकिन फिर भी आज की युवापीढ़ी में देशभक्ति की भावना को जाग्रत करने के लिए राजस्थान सरकार ने अहम कदम उठाते हुए सभी हॉस्टलों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया है। इस आदेश के बाद राजस्थान के सभी हॉस्टलों में सुबह 7 बजे राष्ट्रगान अनिवार्य होगा। यह आदेश सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा प्रदेश में संचालित सभी राजकीय एवं अनुदानित करीब 800 छात्रावासों में लागू कर दिया गया हैं।

मदरसों, सरकारी दफ्तरों, विद्यालयों के बाद अब छात्रावासों में भी राष्ट्रगान जरूरी कर दिया गया है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकी देश के बच्चे राष्ट्रगान के महत्व को समझे और आगे जाके देश की रक्षा के लिए खड़े रहने में कभी न कतराए।

राजस्थान सरकार वसुंधरा राजे ने इससे पहले समाज कल्याण विभाग के सभी दफ्तरों में खाने से पहले भोजन मंत्र पढ़ना जरूरी कर दिया था।

युवापीढ़ी में जागेगा देशप्रेम-

राजस्थान सरकार का मानना है कि देश की युवापीढ़ी कही न कही राष्ट्रगान के महत्व और अर्थ से वंचित है। आज की पीढ़ी राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत को उतनी एहमियत नहीं देती जितना फिल्मी गानों को देती है। जिस तरह से युवापीढ़ी भारतीय सभ्यता, भारतीय परम्पराओं को भूलती जा रही है, ठीक उसी तरह से राष्ट्रगान को भूला देना देश का अपमान है जो कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसलिए राष्ट्रगान की महत्वता को आज की युवा पीढ़ी और देश की जनता तक पहुंचाने के लिए ही धीरे धीरे सरकार सभी जगह राष्ट्रगान को अनिवार्य करती जा रही है। सबसे पहले सरकारी दफ्तरों में उसके बाद मदरसों में और अब हॉस्टल में राष्ट्रगान गाना जरूरी कर दिया है। जब बच्चे रोज सुबह सबसे पहले राष्ट्रगान गाएंगे, तो उनके मन में इसका महत्व जानने की इच्छा जागेगी। जिसके बाद वह राष्ट्रगान का अर्थ जानने का प्रयास करेंगे। ये एक बहुत अच्छा फैसला साबित होगा, जिससे युवापीढ़ी देशभक्ति की ओर अग्रसर होगी। लेकिन अब देखने वाली बात ये होगी कि इस फैसले से युवापीढ़ी में देशप्रेम उजागर होता है या फिर सरकार के प्रति आक्रोश

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