मध्यप्रदेश में आज कल किसानों और मजदूरों के हालात खराब नजर आ रहे हैं। जहां एक तरफ पूरे प्रदेश भर में किसानों का आंदोलन चल रहा है और प्रशासन द्वारा उसे दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है वहीं दूसरी तरफ अवैध फैक्ट्रियों में मानक के अनुसार सुरक्षा व्यवस्था ना होने से मजदूरों पर भी आफत पड़ रही है। ऐसे ही एक खबर मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले से आ रही है, जहाँ पर एक पटाखा फैक्ट्री में आग लगने से 25 मजदूरों की मौत हो गई, वहीं सात मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बालाघाट जिला मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर खैरी गांव में रज्जू वारिस के पटाखा फैक्ट्री में बुधवार दोपहर साढ़े तीन बजे के करीब एक जोरदार धमाका हो गया, जिसकी धमक दो किमी दूर तक सुनाई दी। धमाका इतना तेज था कि कारखाने की दीवारें भी ढह गईं और फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे मजदूरों के परखच्चे 500 मीटर के क्षेत्र में बिखर गए।
एक छोटी सी झोपड़ी में चल रही इस फैक्ट्री में हादसे के वक्त 47 मजदूर काम कर रहे थे, जिनमें ज्यादातर महिला मजदूर थीं। प्रशासन ने देर शाम तक 22 शव बरामद कर लिए थे, जबकि अन्य शवों की तलाश जारी थी। ग्रामीणों ने बताया कि धमाके के बाद शव आसपास के 500 मीटर के क्षेत्र में बिखर गए। हालात इतने भयावह थे कि शवों की पहचान में भी मुश्किल हो रहा था और हालात देखकर ग्रामीण बदहवास भी हो गए थे। दमकल वाहन और पुलिस बल के साथ ग्रामीणों ने मिलकर आग पर काबू पाया गया, इसके बाद शवों को बाहर निकाला गया। शवों के अंग भंग हो जाने से मृतकों की सही संख्या का पता देर रात तक नहीं चल पाया था। प्रशासन का कहना है कि “शव चुकी क्षत विक्षत अवस्था में हैं इसलिए शवों के पहचान और गिनती में मुश्किलें आ रहीं हैं। मृतकों की संख्या 25 से अधिक भी हो सकती है। हम फैक्ट्री में काम करने वालों के नाम पता करने में जुटे हैं ताकि घायलों और मृतकों की पहचान की जा सकें।” बताते चलें कि इस दर्दनाक घटना में सात मजदूर घायल भी हो गए, जिनमे पांच की हालत गंभीर बताई जा रही है और उन्हें नागपुर रेफर कर दिया गया है।
इस बीच, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मरने वाले प्रत्येक व्यक्ति के परिवार को दो-दो लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घटना में घायल हुए लोगों के इलाज का पूरा खर्च भी वहन करेगी।
जिला प्रशासन ने आग लगने के कारणों की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिये गये हैं। बालाघाट के जिलाधिकारी भरत यादव ने बताया कि यह आग वारिस अहमद की पटाखा फैक्टरी में लगी। यादव ने कहा कि “आग लगने का असली कारण अब तक पता नहीं चल पाया है। हो सकता है कि किसी मजदूर ने बीडी पीने के बाद वहां फेंक दी हो। अच्छी बात यह थी कि फैक्टरी रिहायशी इलाके में नहीं था, नहीं तो नुकसान और अधिक हो सकता था। घटना की जांच शुरू हो गई है।”
बताया जा रहा है कि फैक्ट्री के संचालक को केवल 100 क्विंटल बारूद रखने और पटाखा बनाने की अनुमति थी। लेकिन फैक्ट्री में उससे ज्यादा बारुद था और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी नहीं थे, जिसके कारण इतना बड़ा हादसा हो गया। फैक्ट्री का मालिक रज्जू वारिस फरार है, उसकी तलाश जारी है।