बांग्ला फिल्मों के प्रसिद्ध निर्माता मृणाल सेन का 95 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली। उन्हें 1981 में पद्म भूषण और 2005 में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मृणाल 1998 से 2000 तक मनोनीत संसद सदस्य भी रहे। 1955 में मृणाल सेन ने अपनी पहली फीचर फिल्म ‘रातभोर’ बनाई। उनकी अगली फिल्म ‘नील आकाशेर नीचे’ ने उन्हें पहचान दी। फिल्म बाइशे श्रावण की वजह से मणाल सेन को दुनियाभर में पहचान मिली थी।
#NEWS: दादासाहेब पुरस्कार से सम्मानित फिल्ममेकर मृणाल सेन का 95 साल की उम्र में निधन#MrinalSen pic.twitter.com/YdINazFNWU
— APN न्यूज़ हिंदी (@apnlivehindi) December 30, 2018
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी ने ट्विटर हैंडल पर मैसेज कर मृणाल सेन के निधन पर दुख व्यक्त किया। ममता ने लिखा- मृणाल सेन के निधन की खबर से दुख हुआ। फिल्म जगत को एक बड़ा नुकसान हो गया है। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
Saddened at the passing away of Mrinal Sen. A great loss to the film industry. My condolences to his family
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) December 30, 2018
मैग्जीन आनंदबाजार के अनुसार मृणाल कोलकाता के भवानीपोर में रह रहे थे। 30 दिसम्बर को सुबह 10:30 बजे उनका निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। मृणाल सेना का जन्म 14 मई 1923 को फरीदपुर नाम के शहर में हुआ था। फरीदपुर अब बांग्लादेश में है। उन्होंने अधिकतर फिल्में बांग्ला भाषा में बनाई थी। मृणाल सेन ने अपनी आखिरी फिल्म 80 वर्ष की आयु में बनाई थी, जिसका नाम आमार भुवन था। वर्ष 1998 और 2003 में कम्युनिष्ट पार्टी की ओर से वह राज्यसभा के सदस्य भी निर्वाचित किए गए थे। वर्ष 2000 में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमिर पुतिन ने उन्हें ऑर्डर ऑफ फ्रैंडशिप सम्मान से सम्मानित किया था।