उत्तराखंड हाई कोर्ट के जस्टिस के एम जोसेफ की सुप्रीम कोर्ट में नियुक्ति को लेकर चल रहा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा। जस्टिस जोसेफ को सुप्रीम कोर्ट भेजे जाने के फैसले को लेकर पिछले छह महीने से कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच एक टकराव देखने को मिला। आखिर कर केंद्र ने के एम जोसेफ के नाम को हरी झंडी दे दी। लेकिन अब के एम जोसेफ की नियुक्ति को लेकर एक और विवाद शुरू हो गया है।  केंद्र सरकार ने जस्टिस जोसेफ की वरिष्ठता घटा दी है, जिसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के कई जज और यहां तक कि कॉलेजियम के कुछ सदस्य भी नाराज हैं।

जस्टिस के एम जोसेफ मंगलवर को शपथ लेंगे। सरकार ने शनिवार को ही साफ किया था कि तीन नए न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया है।  ये तीन नए जज उत्तराखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसफ, मद्रास हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन हैं। इन तीनों की नियुक्ति से जुड़ी अधिसूचना शनिवार को जारी कर दी गयी है।

सरकार की ओर से भेजे गए नामों में न्यायाधीश के एम जोसेफ का नाम तीसरे नंबर पर रखा गया है।  इसका मतलब है कि वो तीसरे नंबर पर शपथ लेंगे। इस बात पर कई दूसरे जज विरोध पर उतर आए हैं। ऐसा माना जा रहा है कि जस्टिस जोसेफ को तीसरे नंबर पर शपथ दिलाने का मतलब उन्हें एक जूनियर जज का दर्जा देने से हैं। क्योंकि जो जज बाद में शपथ लेते हैं उन्हें जूनियर माना जाता है।  इसको लेकर कई सीनियर जज नाराज है। हालांकि नई नियुक्ति के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 25 हो जाएगी। लेकिन अब भी छह पद खाली हैं।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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