Constitution Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में आयोजित संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लेने के लिए पहुंचे हैं। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में जिला न्यायालयों के लिए वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट, S3WASS वेबसाइट लॉन्च की है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को जारी एक बयान में बताया कि वह इस मौके पर ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत कई नई चीजों की शुरुआत भी करेंगे। दरअसल, हर साल 26 नवंबर को भारत में संविधान दिवस मनाया जाता है।
आज ही के दिन आजाद भारत को एक संविधान मिला था। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने भारत के संविधान को अपनाया था। जो कि 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान दिवस मनाने की शुरुआत 2015 में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 अक्टूबर 2015 को मुंबई में भीमराव अंबेडकर स्मारक की आधारशिला रखते हुए इसकी घोषणा की थी।
Constitution Day: नई चीजों की करेंगे शुरुआत
PMO द्वारा यह कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत जिन नई चीजों की शुरुआत करेंगे, उनमें ‘वर्चुअल जस्टिस क्लॉक’, ‘जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0,’ डिजिटल कोर्ट और ‘S3WaaS’ शामिल हैं। बता दें कि ई-कोर्ट परियोजना कुशल और समयबद्ध, सुलभ, किफायती, पारदर्शी और जवाबदेह न्यायव्यस्था की परिकल्पना पर आधारित है। पीएमओ की ओर से ये कहा गया कि यह परियोजना वादियों, वकीलों और न्यायपालिका को सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से सेवाएं प्रदान करने की कोशिश है।
Constitution Day: क्या है वर्चुअल जस्टिस क्लॉक?
जानकारी के अनुसार, वर्चुअल जस्टिस क्लॉक कोर्ट के स्तर पर जस्टिस डिलिवरी सिस्टम के जरूरी आंकड़ों को प्रदर्शित करने की एक पहल है, जिसमें दिन, हफ्ते, महीने के आधार पर कोर्ट के लेवल पर दायर मामलों, निपटाए गए मामलों और लंबित मामलों की डिटेल दी गई है। बताया जा रहा है कि कोर्ट द्वारा निपटाये गए मुकदमों की स्थिति को जनता के साथ साझा कर अदालतों के कामकाज को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की एक कोशिश है। आम जनता जिला न्यायालय की वेबसाइट पर किसी भी न्यायालय प्रतिष्ठान की वर्चुअल जस्टिस क्लॉक का उपयोग कर सकते हैं।
Constitution Day: कैसे काम करेगा जस्टिस मोबाइल ऐप 2.0?
गौरतलब है कि JustIS मोबाइल ऐप 2.0 न्यायिक अधिकारियों के लिए अदालत और मुकदमों के कारगर प्रबंधन के लिए उपलब्ध एक टूल की तरह है। जो न सिर्फ उनकी अदालत बल्कि उनके अधीन काम करने वाले विभिन्न जजों के सामने लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी करता है। यह ऐप हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के जजों के लिए भी उपलब्ध कराया गया है जो अब अपने अधिकार क्षेत्र के तहत राज्यों और जिलों के लंबित मामलों और उसके निपटान की निगरानी कर सकते हैं।
Constitution Day: क्या है S3WaaS?
दरअसल, डिजिटल कोर्ट, अदालतों को कागज रहित बनाने की दिशा में बदलाव लाने के उद्देश्य से जज को कोर्ट के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में उपलब्ध कराने से संबंधित एक पहल है। पीएमओ की ओर से कहा गया कि S3WaaS वेबसाइट्स जिला स्तर की न्यायपालिका से संबंधित निर्दिष्ट जानकारी और सेवाओं को प्रकाशित करने हेतु विभिन्न वेबसाइटों को बनाने और प्रबंधित करने ता एक ढांचा है। यह एक क्लाउड सर्विस है जिसे सरकारी संस्थानों के लिए सुरक्षित, मापनीय और सुगम्य वेबसाइट बनाने के लिए विकसित किया गया है।
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