राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद आज से दिल्ली में कांग्रेस की बड़ी बैठकों का दौर शुरू हो रहा है। आज से दिल्ली में कांग्रेस का महाअधिवेशन शुरू हो रहा है। राहुल गांधी के अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला अधिवेशन है, ऐसे में इसको लेकर पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं में खासा उत्साह है। अधिवेशन में देशभर से 12 हजार से ज्यादा कांग्रेस कार्यकर्ता दिल्ली में जुटेंगे। मुख्य कार्यक्रम 17 और 18 मार्च को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होगा।                 

अधिवेशन की सबसे खास बात ये है कि पार्टी के जमीनी नेताओं और कार्यकर्ताओं को मंच से बोलने का ज्यादा मौका मिलेगा। आज अधिवेशन में पास होने वाले प्रस्तावों को आखिरी रूप देने के लिए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में दिन भर बैठकें होंगी। शाम पांच बजे पार्टी की सबसे बड़ी कमिटी इन प्रस्तावों पर मुहर लगाएगी और फिर अगले दो दिन इन प्रस्तावों पर चर्चा होगी। जहां तक अधिवेशन में पास होने वाले प्रस्तावों का सवाल है तो इसके जरिए कांग्रेस केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को अर्थव्यवस्था, किसानों, युवाओं और दलितों जैसे मुद्दे पर घेर सकती है।

कांग्रेस पार्टी 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता की अहमियत पर भी प्रस्ताव पास कर सकती है। अधिवेशन के प्रस्तावों की ड्राफ्टिंग कमिटी के अध्यक्ष पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह हैं। कांग्रेस ने पार्टी संविधान संशोधन कमिटी भी बनाई है जो कांग्रेस के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव ला सकती है। माना जा रहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष का कार्यकाल पांच साल की जगह पहले की तरह तीन साल किया जा सकता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो ये महाधिवेशन काफी अहम है। राहुल गांधी के कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद ये पहला अधिवेशन है इसलिए इसकी अहमियत और ज्यादा है।

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