बिहार में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतुक दलों ने अपने चुनावी बिसात बिछाने शुरु कर दिये हैं । नीतीश ने जहां साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी जेडीयू बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी वहीं आरजेडी महागठबंधन की नैया पर सवाल होकर बिहार में नीतीश को मात देने का सपना देख रही है। इलाज के बाद लालू खुद पटना पहुंचकर पार्टी की रणनीति के साथ साथ तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच आई दूरी को कम करने में जुटे हैं। लेकिन इस सबके बीच कांग्रेस ने जिस तरह से अपनी तैयारी बिहार में शुरु की है, उससे राजनीतिक पंडित हैरान हैं ।

सीट बंटवारे को लेकर मचे घमासान के बीच कांग्रेस आलाकमान ने बिहार प्रदेश कांग्रेस को राज्य की सभी 40 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने को कहा है  और पाक्टी ने इस पर तेजी से काम शुरु भी कर दिया है । अलग अलग लोकसभा सीटों के पर्यवेक्षकों ने पार्टी नेताओं के साथ बैठकें भी शुरु कर दी है ।

बिहार की सभी चालीस सीटों के लिए मजबूत उम्मीदवार, उनका समीकरण और उम्मीदवारी के दावे और जीतने के आधार के बारे में विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है । सभी पर्यवेक्षकों को रिपोर्ट बनाने को कहा गया है और हर  लोकसभा सीट से कम से कम तीन उम्मीदवारों की तलाश शुरू कर दी गई है ।इन उम्मीदवारों के जीतने का समीकरण और आधार के बारे में विस्तृत रिपोर्ट आलाकमान को सौंपनी है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कौकब कादरी के मुताबिक  अशोक गहलौत बिहार के दो दिवसीय दौरे पर आ रहे हैं।  उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक होगी जिसके बाद 14 जुलाई को पहली रिपोर्ट आलाकमान को सौंप दी जाएगी।

बताया जाता है कि आलाकमान ने बिहार इकाई को नौ बिन्दुओं पर रिपोर्ट सौंपने को कहा है जिसमें सभी सीटों पर जीतने वाले उम्मीदवारों की सूची, क्यों और कैसे के साथ सभी महत्वपूर्ण बातें होंगी।  2009 के लोकसभा चुनाव के ठीक पहले राजद-कांग्रेस का गठबंधन टूट गया था और कांग्रेस ने अकेले सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया था।

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