उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूर्व सीएम अखिलेश यादव के ड्रीम प्रोजेक्ट गोमती रिवर फ्रंट में गड़बड़ी आशंका से न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। 27 मार्च को सीएम योगी दौरे पर जांच के लिए पहुंचे और वहीं पर अधिकारियों की क्लास लगाई। सेवानिवृत्त जज गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट में देरी और कथित अनियमितता की जांच करेंगे। साथ ही 45 दिनों के अंदर जांच की रिपोर्ट पेश करनी होगी।

River Frontउन्होंने अधिकारियों से प्रोजेक्ट के बजट पर सवाल पूछे और एक-एक पैसे का हिसाब देने को भी कहा। योगी ने अधिकारियों से नए बजट का आकलन तैयार करने को कहा। अधिकारियों के जवाबों से जब सीएम खुश नहीं हुए तो उन्होंने परियोजना की जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि गोमती का पानी गंदा क्यों है? क्या सारे पैसे पत्थरों में लगा दिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नदी से एक भी माला न जुड़े यह सुनिश्चित किया जाए और मई तक गोमती का पानी साफ हो जाए। सीएम ने प्रोजेक्ट का बारीकी से निरीक्षण किया।

बता दें कि गोमती रिवर फ्रंट प्रोजेक्ट की शुरुआत तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 16 नवंबर 2016 को की थी। यह प्रोजेक्ट अभी भी अधूरा है। अखिलेश यादव के इस ड्रीम का बजट 1500 करोड़ रुपये तैयार किया गया था। 900 करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी काम संतोषजनक नहीं है।

नदी के किनारे पर जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक और बच्चों के लिए पार्क बनाए गए हैं। बच्चों के लिए डिज्नी ड्रीम शो, टॉरनेडो फाउंटेन्स, वॉटर थिएटर भी बनाए गए हैं। इसके साथ ही योगा केंद्र, विवाह भवन और ओपेन थिएटर का भी निर्माण कराया गया है। गोमती के किनारे क्रिकेट और फुटबॉल स्टेडियम भी बनाया गया है। स्टेडियम का नाम टेनिस खिलाड़ी गौस मोहम्मद के नाम पर है।

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