सीएम नीतीश के बारे में कहा जाए तो लोग उन्हें एक जमीनी स्तर के नेता के रूप में पहचानते हैं। ऐसे में बिहार के जमीन पर क्या चल रहा है, क्या नहीं सीएम नीतीश जानने के लिए चिंतित रहते हैं। इसी के मद्देनजर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की विकास कार्यों की समीक्षा यात्रा का प्रथम चरण मंगलवार से आरंभ हो जाएगा। प्रथम चरण की यात्रा के पहले दिन मुख्यमंत्री बेतिया के बगहा प्रखंड स्थित पतिलार गांव का भ्रमण करेंगे। पहले चरण में 16 दिसंबर तक वे आठ जिलों के गांवों में जाएंगे।
विकास कार्यो की समीक्षा की यह यात्रा सीएम नीतीश पहले भी कर चुके हैं। यह यात्रा राज्य सरकार की नीतियों, योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्षेत्रीय कार्यान्वयन को जांचने, परखने एवं जमीनी हकीकत को जानने के लिए होती है। सीएम नीतीश 2005 से अब तक 10 यात्रा कर चुके हैं। वर्ष 2009 में विकास यात्रा, वर्ष 2009-10 में प्रवास यात्रा, वर्ष 2010 में विश्वास यात्रा, वर्ष 2011 में सेवा यात्रा, वर्ष 2012 में अधिकार यात्रा, वर्ष 2014 में संकल्प यात्रा एवं वर्ष 2016 में निश्चय यात्रा। इन यात्राओं का एक ही मुख्य उद्देश्य रहता है, वो है जमीनी स्तर पर विकास। इन यात्राओं पर सीएम नीतीश कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करते हैं। कई जनसभाओं का संबोधित करते हैं। लोगों की शिकायतें का निस्तारण किया जाता है। साथ ही योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की जाती है।
पहली जनसभा जो पतिलार में होनी है वहां सीएम नीतीश को कई योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करना है। पतिलार के बाद मुख्यमंत्री बेतिया स्थित लौरिया प्रखंड के कटैया गांव का भ्रमण करेंगे। इन जगहों पर शराबबंदी, बाल विवाह मुक्ति और दहेज प्रथा के खात्मा को लेकर चल रहे अभियान पर मुख्य रूप से चर्चा होगी। 13 दिसंबर को पूर्वी चंपारण के परशुरामपुर और बलुआकोठी गांवों का भ्रमण करेंगे। 13 को ही वे मोतिहार में उक्त दोनों जिलों की योजनाओं की समीक्षा बैठक आला अधिकारियों के साथ करेंगे। चौदह को ही वे मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय स्थित सभाकक्ष में सीतामढ़ी, शिवहर, मुजफ्फरपुर और वैशाली जिले की विकास योजनाओं की समीक्षा बैठक करेंगे। पंद्रह को मुजफ्फरपुर के बाद मधुबनी के बेनीपट्टी प्रखंड स्थित धकजरी में मुख्यमंत्री की आम सभा है। सोलह दिसंबर को वह दरभंगा के बिरौल प्रखंड स्थित कमलपुर गांव का भ्रमण करेंगे। वहां उनकी आम सभा भी है।