चीन में समुद्र पर बना दुनिया का सबसे लंबा पुलहांगकांग-झुहेई-मकाऊ मंगलवार को आधिकारिक तौर पर खोल दिया गया। 55 किलोमीटर लंबा यह पुलिस हांगकांग को चीन के मकाऊ और झुहेई शहर से जोड़ेगा। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने झुहेई में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में इसका उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में हॉन्ग कॉन्ग और मकाऊ के नेताओं समेत करीब 700 मेहमान शामिल हुए।

चीन के उपप्रधानमंत्री हान झेंग ने कहा कि यह पुल हॉन्ग कॉन्ग तथा चीन के मुख्य भूभाग को आर्थिक तथा व्यापार गतिविधियों के लिहाज से और करीब लाएगा। इस पुल से हॉन्ग कॉन्ग और मकाऊ को चीन के मुख्य भूभाग से जोड़ने में मदद मिलेगी।

पुल को सामान्य यातायात के लिए बुधवार से खोला गया।  55 किलोमीटर लंबा यह पुल पर्ल रिवर एस्चुरी के लिंगदिंग्यांग जल क्षेत्र में स्थित है। 20 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) की इस परियोजना पर 2009 में काम शुरू हुआ था।

यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है। पुल हांगकांग को चीन के दक्षिणी शहर झूहाई और मकाउ के गैमलिंग एनक्लेव से जोड़ेगा। नौ साल से बन रही इस पुल को बनाने में एफिल टावर के मुकाबले 60 गुना ज्यादा स्टील खर्च हुआ है।

चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार इसकी तैयारी में छह साल लग गये और 31 दिसबंर 2017 को इसका काम पूरा हुआ। दुनिया के इस सबसे लंबे पुल पर पैदल सवार नहीं चल सकेंगे। वहीं चीन से जाने वाली कार को हांग कांग में घुसने से पहले रोड में अपनी साइड बदलनी होगी। क्योंकि हांग कांग में भारत की तरह ट्रैफिक बायीं तरफ चलता है। इसमें पानी के नीचे बनी 6.7 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी किया गया जो दो कृत्रिम द्वीपों को जोड़ती है

इस पुल के बनने के बाद समय की बचत होगी हांगकांग से चीन के शहर जुहाई की यात्रा में 3 घंटे का समय लगता है। पुल शुरू होने के बाद यात्रा में 30 मिनट का समय लगेगा।

यह पुल हांगकांग और मकाऊ समेत दक्षिण चीन के 11 शहरों को जोड़ता है। जहां 6.8 करोड़ लोगों के घर हैं। साथ ही ये अगले 120 सालों तक इस्तेमाल किया जा सकेगा और कारोबार में इजाफा करेगा। यात्रा में लगने वाला समय 60 फीसद तक घटेगा।

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