चीन की चाल हमेशा यही रही है कि सीमा का उल्लघंन पहले खुद करता है और आरोप भारत के सिर मढ़ देता है। इस बार भी उसने कुछ ऐसा ही किया जब सिक्किम में हुए मुठभेड़ में उसने भारत का ही नुकसान करके उसे दोषी ठहराकर कठघरे में खड़ा कर दिया। कल सिक्किम के डोका ला इलाके में भारतीय और चीनी सैनिक आमने-सामने आ गए। सिक्किम के डोका ला इलाके में पिछले 10 दिनों से दोनों सेनाएं आमने-सामने हैं। किंतु कल दोनों सेनाओँ के बीच तनातनी बढ़ गई और चीन ने भारत के दो बंकर तबाह कर दिए। साथ ही उसने कैलाश मानसरोवर जाने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बॉर्डर के दरवाजे बंद कर दिए। इसकी वजह चीन ने भारत से तनाव को बताया और इस तनाव का कारण भी भारत को बताया।

इस तरह की मुठभेड़ भारत-चीन के बीच पहली बार नहीं है 2008 में भी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने यहां घुसपैठ कर भारत के कुछ बंकर नष्ट कर दिए थे। बता दें कि इस समय भारतीय प्रधानमंत्री मोदी अमेरिका के यात्रा पर गए हैं जहां मोदी और ट्रंप के बीच कई चीजों पर बातचीत हो सकती है। मानना है कि चीन इस मुलाकात से काफी बौखलाया है और उसे चिंता है कि कहीं चीन या पाकिस्तान के विरोध में दोनों देशों के बीच कोई कूटनीति न बन जाए। वैसे भी दक्षिण चीन सागर को लेकर विवाद चल रहा है,ऐसे में मोदी का ट्रंप से मिलना उसे खटक रहा है। वहीं एनएसजी को लेकर भारत अमेरिका को लेकर कोई नई रणनीति तैयार कर सकता है,इस बात की चिंता भी चीन को खाई जा रही है।

सबसे बड़ी बात यह है कि चीन मंत्रालय की प्रवक्‍ता रेन गोकिंग ने कहा कि भारतीय सेना ने सीमा पर दोनों देशों के बीच हुई संधि का उल्‍लंघन किया है,जिसकी वजह से सीमा पर सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। लेकिन भारत की माने तो हकीकत कुछ और ही कहती है। हालात जो भी हो लेकिन भारत के लिए इस समय बड़ी चुनौती है कि कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने वाले यात्रियों की यात्रा सुनिश्चित कराना।

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