आने वाले  2018 से भारत में फाइनेंशियल ईयर (वित्त वर्ष) की शुरुआत अप्रैल की बजाय जनवरी से हो सकती है। इसके चलते आगामी आम बजट नवंबर 2018 में पेश किया जा सकता है। दरअसल अगले साल से मोदी सरकार अर्थव्यवस्था से जुड़े कुछ बड़े बदलाव कर सकती है और  जिसके तहत सरकार अभी से ही फाइनैंशल इयर में बदलाव के लिए काम कर रही है और इसे कैलेंडर इयर की तर्ज पर ही रखा जाएगा।

आपको बता दें कि पीएम मोदी की ओर से फाइनैंशल इयर को कैलेंडर इयर के साथ जोड़ने की इच्छा जताए जाने के बाद पिछले साल से ही  केंद्र सरकार ने इसकी संभावना तलाशने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया था। पैनल ने दिसंबर में वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जिसके बाद नीति आयोग ने भी अपने एक नोट में कहा था कि फाइनैंशल इयर में चेंज करने से वर्किंग सीजन का पूरा इस्तेमाल हो सकेगा और साल की शुरुआत के साथ ही विकास कार्य शुरू किए जा सकेंगे।

फिलहाल देश भर में वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है, इस व्यवस्था को 1867 में अपनाया गया था। अगर इसको अमल में लाया जाता है तो यह 150 साल पुरानी परंपरा खत्म हो जाएगी। वैसे सूत्रों की माने तो इस बारे में अभी  कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि, केंद्र सरकार फाइनेंशियल ईयर को जनवरी-दिसंबर करने के विकल्पों पर विचार कर रही है, जो कि कई देशों की तर्ज पर होगा।

वैसे  कुछ राज्य पहले से ही फाइनेंशियल ईयर बदलने के बारे में बातचीत कर रहे हैं  और जम्मू-कश्मीर ने आगे निकलते हुए इस बदलाव को लागू भी कर दिया है।

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