अब स्कूल में बच्चो को दोपहर में मिलने वाले खाने के लिए पहले अपना आधार नंबर दिखाना होगा। जी हाँ, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर कहा है कि मिड-डे-मील की सुविधा उठाने के लिए छात्रों को पहले अपना आधार नंबर बताना होगा, और जिसके पास फिलहाल आधार नहीं है उन्हें इसे बनवाने के लिए 30 जून तक का समय दिया गया है। तब तक बच्चे कोई अन्य आईडी दिखा कर खाना ले सकते हैं।

बता दें कि मिड-डे-मील योजना के तहत देश में 12 लाख स्कूलों के 12 करोड़ बच्चों को दोपहर का भोजन दिया जाता है। इस योजना पर सरकार प्रति वर्ष लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च करती है जिसमें आठवीं तक के छात्रों को दोपहर का खाना दिया जाता है।

About Mid-Day Meal

गौरतलब है कि सरकार इस तरह की तमाम योजनाओं, सुविधाओं को आधार से जोड़ना चाहती है जिससे फर्जीवाड़े को रोका जा सके। लेकिन इसके विरोध में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने आवाज उठाई है उनका कहना है कि मिड-डे-मील जैसी योजनाओं में आधार को जोड़ना गलत निर्णय है, क्योंकि इससे देश के बहुत से गरीब और जरूरतमंद बच्चे इसका लाभ नहीं उठा पाएंगे। कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार को फर्जीवाड़े रोकने के लिए अपनी योजनाओं, और नियमों में परिवर्तन लाना चाहिए लेकिन इस तरह का फैसला लेना गलत है।

आपको बता दें आधार नंबर बताने का नियम केवल छात्रों के लिए नहीं बल्कि खाना बनाने वाले रसोइयों को भी अपना आधार नंबर दिखाना होगा। देश भर में करीब 25 लाख रसोइयें हैं जो मिड-डे-मील योजना के तहत बच्चों के लिए भोजन तैयार करने का काम करते हैं।

वैसे सरकारी योजनाओं के लिए आधार की अनिवार्यता को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने दिशानिर्देशों में साफ कहा है कि किसी व्यक्ति को सिर्फ आधार न होने की वजह से किसी भी सरकारी योजना के लाभों से वंचित नहीं रखा जा सकता। ये मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है।

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