Chhattisgarh के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की गद्दी पर भी संकट के बादल मंडराते हुए दिखाई दे रहे हैं। लगता है कि पंजाब कांग्रेस की राजनैतिक हवा अब छत्तीसगढ़ की ओर बहने लगी है। पिछले लगभग एक महीने से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता टीएस सिंह देव के बीच चल रहा टकराव खतरनाक शक्ल लेता जा रहा है।
इस मामले में छत्तीसगढ़ के दोनों नेताओं ने दिल्ली में कांग्रेस आलाकमान से मुलाकत की। जिसके बाद मीडिया के सामने भूपेश बघेल ने अपनी सत्ता के बरकरार रहने का दावा किया। इस बीच एक बड़ी खबर आ रही है कि भूपेश बघेल खेमे के लगभग 30 विधायकों ने दिल्ली में डेरा डाल लिया है।
मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों पर CM Bhupesh Baghel ने कहा, ”छत्तीसगढ़ कभी पंजाब नहीं बन सकता”
सूत्रों के मुताबिक विधायक दिल्ली के छत्तीसगढ़ सदन में बैठकें कर रहे हैं और छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल की सत्ता को बचाने के लिए राजनीतिक समीकरण बनाने का काम कर रहे हैं। माना जा रहा है कि बघेल खेमें के यह विधायक कांग्रेस की चेयरपर्सन सोनिया गांधी और महासचिव प्रियंका गांधी से मुलाकात करने के लिए समय मांग सकते हैं।
वहीं अपुष्ट सूत्र यह भी बता रहे हैं कि दिल्ली के एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने सभी विधायकों को कल वापस छत्तीसगढ़ लौटने का फरमान सुनाया है लेकिन अभी सभी विधायक छत्तीसगढ़ भवन में ही डेरा डाले हुए हैं।
बताय़ा जा रहा है कि भूपेश बघेल कांग्रेस आलाकमान के सामने अपने पक्ष में शक्ति का प्रदर्शन का करना चाहते हैं और यही कारण है कि इतने विधायकों का जमावड़ा उन्होंने दिल्ली में कराया है। इस संदर्भ में भूपेश बघेल का कहना है कि विधायक कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र हैं और उन पर किसी तरह का कोई दबाव नहीं है।