नीरव मोदी ने पीएनबी बैंक को करीब 13 हजार करोड़ का चूना लगाया… तो लोगों की आंख खुली… अब बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधारों की वकालत की जा रही है…. अब भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने बैंकिंग सेक्टर में बड़े सुधारों की वकालत की है… बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करने की जरूरत पर जोर दिया…  इसके साथ ही उन्होंने हाल के दिनों में बैंकिंग सेक्टर में हुए घोटालों में बैंकों के रवैये पर निराशा जाहिर की..  सुब्रमण्यन ने कहा कि आगे चलकर यदि हम भविष्य में इन चीजों की पुनरावृत्ति नहीं चाहते हैं, तो हमें बैंकिंग क्षेत्र सुधारों के लिए व्यापक एजेंडा अपनाना होगा..

अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि यदि आप चाहते हैं कि भविष्य में सरकारी बैंकों में धोखाधड़ी के मामलों की पुनरावृत्ति न हो, तो फिर हम अपना पैसा ‘ब्लेक होल’ में नहीं डाल सकते.. मुझे लगता है कि हमें पब्लिक सेक्टर के बैंकों के स्वामित्व पर नये सिरे से विचार करना चाहिए।  इसके लिए हमें सुधारों को लेकर व्यापक एजेंडा अपनाना होगा.. सुब्रमण्यन ने ये भी बताया कि बैलेंशशीट की चुनौती से निपटने के लिए सरकार ने दो महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं..  कंपनियों के बैलेंशशीट को साफ-सुथरा करने के लिए इंसॉल्विंग एंड बैंकरप्सी कोड यानी आईबीसी प्रोसेस और बैंकों का री-कैपिटलाइजेशन किया गया.. लेकिन बैंकिंग घोटाले की खबरों के प्रयासों को झटका लगा है..

बैंक बोर्ड ब्यूरो के अध्यक्ष विनोद राय ने कहा था कि बैंकिंग क्षेत्र के लिए स्वामित्व के ढांचे से स्वतंत्र नियम बनाने की भी मांग की…. रिजर्व बैंक के गवर्नर ऊर्जित पटेल ने भी कुछ दिन पहले इसी तरह की बात की थी… उद्योग मंडल फिक्की ने भी कहा था कि सरकार को सार्वजनिक बैंकों के निजीकरण पर विचार करना चाहिए…

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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