पंजाब नैशनल बैंक में फर्जीवाड़े के खबरों से जहां एक तरफ देश में सनसनी मची हुई है वहीं दूसरी तरफ  800 करोड़ के बैंक फ्रॉड में  रोटोमैक कलम बनाने वाली कंपनी ग्लोबल प्राइवेट लि. के मालिक विक्रम कोठारी  के कानपुर समेत तीन ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की। कोठारी और उनकी फैमिली से पूछताछ की। हालांकि अभी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, कोठारी ने इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़, यूनियन बैंक से 485 करोड़ समेत कुल 5 नेशनलाइज्ड बैंकों से करीब 800 करोड़ का कर्ज लिया है। आरोप है कि रोटोमैक ने कर्ज नहीं चुकाया और इसके लिए बैंकों ने नियमों को ताक पर रखा।

यूनियन बैंक के ब्रांच मैनेजर पीके अवस्थी ने बताया कि हमारे यहां 485 करोड़ का एनपीए है। लोन की वसूली के लिए कुर्की और प्रॉपर्टी बेचकर भरपाई होगी। किसी लोन की वापसी नहीं होने पर इसे एनपीए कर दिया जाता है।

वहीं पिछले दिनों सोशल मीडिया में कोठारी के देश छोड़ने की खबरें आई थीं। जिसके बाद कोठारी ने एक वीडियो जारी कर कहा कि वे भागे नहीं हैं। कोठारी ने शुक्रवार को वीडियो जारी कर कहा, ”मैं देश छोड़कर कहीं नहीं भागा हूं। बैंकों से लोन लिया है लेकिन ये सही नहीं है कि मैंने लोन चुकता नहीं किया। बैंकों के साथ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में केस चल रहा है। जल्द ही फैसला आएगा।

उन्होंने कहा कि ”बैंकों ने मेरी कंपनी को नॉन परफॉर्मर संपत्ति घोषित किया है डिफॉल्टर नहीं। मैंने लोन लिया है और जल्द ही उसे वापस कर दूंगा।” ”भारत छोड़कर कहीं नहीं जा रहा हूं। इससे महान कोई देश नहीं है। मैं कानपुर का निवासी हूं, यहीं रहता हूं और यहीं रहूंगा। हालांकि, मुझे बिजनेस के सिलसिले में विदेश जाना पड़ता है।’

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

आपको बता दें कि विक्रम कोठारी के खिलाफ 600 करोड़ का बाउंस चेक देने का केस हुआ है। इस मामले में आरबीआई ने इलाहाबाद बैंक को नोटिस भेजा है।बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने कोठारी के खिलाफ केस दर्ज किया। इसके बाद अफसरों ने सोमवार को उनके ठिकानों पर छापेमारी शुरू की।

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