दुनिया की पहली हाइपरलूप मुंबई से पुणे के बीच चलने वाली है। मुंबई-पुणे को हाइपरलूप से जोड़ने के लिए अमेरिकी कंपनी वर्जिन ग्रुप ने महाराष्ट्र सरकार के साथ इंटेंट एग्रीमेंट साइन करने की भी घोषणा की है। रविवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाइपरलूप की नींव रखी। इसके चलने के बाद से मुंबई और पुणे के बीच की 150 किलोमीटर की दूरी काफी कम हो जाएगी। फिलहाल मुंबई से पुणे जाने में लगभग 3 घंटे लगते हैं जो हाइपरलूप के बाद घटकर सिर्फ 20 मिनट ही रह जाएंगे।

हाइपरलूप मार्ग मध्य पुणे को वृहद महानगर के अलावा नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से भी जोड़ेगा। हाइपरलूप मार्ग पूरी तरीके से इलेक्ट्रिक सिस्टम पर होगा और ये ट्रेन 1,000 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से दौड़ेगी। हालांकि इस परियोजना का अभी तक कोई ब्योरा पेश नहीं किया गया है और ना ही इसके लिए कोई समय सीमा निर्धारित की गई है। हाइपरलूप एक ट्यूब ट्रांसपॉर्ट तकनीक है। इसके तहत खंभों के ऊपर (एलिवेटेड) ट्यूब बिछाई जाती है।

वैक्यूम ट्यूब में कैपसूल को चुंबकीय शक्ति से दौड़ाया जाता है। बिजली के अलावा इसमें सौर और पवन ऊर्जा का भी उपयोग हो सकता है। इसमें बिजली का खर्च बहुत कम है और प्रदूषण बिल्कुल नहीं है। इसके जरिये 15 करोड़ यात्री सलाना सफर कर पाएंगे। यात्रियों के साथ-साथ कार्गो ऑपरेशन के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा।

दावा किया जा रहा है की हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम यातायात की दुनिया को बदल देगा और यह मुंबई को दुनिया में अग्रणी बनाएगा। इस परियोजना से आर्थिक समाजिक लाभ 55 अरब डॉलर है और इससे हजारों बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। हालांकि इस परियोजना की लागत व अन्‍य विवरण की जानकारी अभी तक प्रतीक्षारत है।

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