बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के बहुचर्चित बालिका गृहकांड मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज राज्य की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उसके सहयोगियों के 12 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। सीबीआई के सूत्रों ने यहां बताया कि पूर्व मंत्री श्रीमती वर्मा और उनके सहयोगियों के मुजफ्फरपुर स्थित सात, पटना में तीन और बेगूसराय एवं मोतिहारी में एक-एक ठिकानों पर ब्यूरो की अलग-अलग टीमों ने एक साथ छापेमारी की। बता दें कि सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम छापेमारी में शामिल है।

वहीं, ब्यूरो ने आश्रय गृह का संचालन करने वाले और मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, उसके रिश्तेदारों और दोस्तों के सात ठिकानों पर भी छापेमारी की है। मुजफ्फरपुर कांड की जांच कर रही सीबीआई ने श्रीमती वर्मा के राजधानी पटना स्थित आवास के अलावा बेगूसराय और भागलपुर स्थित घर में भी छापेमारी की है। वर्मा ने पूरे मामले में अपने पति पर आरोप लगने के बाद पिछले सप्ताह अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

आपको बता दें कि वर्मा के पति पर यह आरोप है कि वे मुजफ्फरपुर स्थित शेल्टर होम में अक्सर जाते थे। मामले का खुलासा मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) के सामाजिक अंकेक्षण की रिपोर्ट से हुआ।  रिपोर्ट में आश्रय गृह में लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न की बात सामने आई थी। इस आधार पर एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी।

गौरतलब है कि मंजू वर्मा जुलाई में इस बात का खुलासा होने के बाद से लगातार विपक्ष के निशाने पर हैं कि बालिका गृह में 34 नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म करने के मुख्य आरोपी के उनके पति चंद्रेश्वर वर्मा के साथ घनिष्ठ संबंध थे। मंजू वर्मा ने आठ अगस्त को इस्तीफा दे दिया था। दो जून को गिरफ्तारी के बाद से ठाकुर मुजफ्फरपुर जेल में है बालिका गृह को सील कर दिया गया है।

साभार –ईएनसी टाईम्स

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