प्राकृतिक आपदा कब, कहां और कैसे आ जाए कुछ पता नहीं चलता। वैसे भी विज्ञान औऱ तकनीक के विकास में मानव ने जिस तरह प्रकृति का भुला दिया है, उससे प्राकृतिक आपदाओं का बढ़ना लाजिमी है। इसी तरह के एक प्राकृतिक आपदा का सामना पश्चिम बंगाल के लोगों को करना पड़ा। बता दें कि  कोलकाता और इससे सटे इलाकों में मंगलवार शाम 98 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली तेज हवाओं की चपेट में आने से 8 लोगों की मौत हो गई जबकि कई अन्य जख्मी हो गए। मृतकों की संख्या बढ़ भी सकती है। तेज हवाओं के कारण शहर का सार्वजनिक परिवहन एवं यातायात भी प्रभावित हुआ।

कोलकाता में तेज हवाओं के कारण कई घरों को भी नुकसान पहुंचा है और कई जगहों पर शॉट सर्किट से आग लगने के समाचार मिले हैं। मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने बताया कि उत्तर-पश्चिम दिशा से 98 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली हवाओं ने शाम करीब 7:42 बजे पूरे इलाके को अपनी चपेट में लिया। पुलिस ने बताया कि कोलकाता और आसपस बड़ी संख्या में पेड़ गिर पड़े जिससे यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ। इस आंधी तूफान की चपेट में आकर बांकुरा जिले से 5 लोगों की मौत के समाचार मिले हैं। जबकि हावड़ा जिले से एक व्यक्ति की मौत की खबर है।

मेट्रो और ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित हुईं। कोलकाता मेट्रो रेल के प्रवक्ता ने बताया कि शाम 7:50 बजे से लेकर अगले दो घंटों के लिए मेट्रो सेवाएं बाधित हुईं। पूर्वी एवं दक्षिण- पूर्वी रेलवे सूत्रों ने बताया कि सियालदह और हावड़ा डिवीजनों में उप- नगरीय ट्रेन सेवाएं प्रभावित हुईं। क्योंकि आंधी के दौरान ट्रेन से जुड़े बिजली के तार टूट गए। वहीं एक रेलिंग का एक हिस्सा हावड़ा स्टेशन पर एक खाली ट्रेन पर जा गिरा। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।

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