राज्य में कोरोना संकट के कुप्रबंधन के आरोपों के खिलाफ कलकत्ता की उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

मुख्य न्यायाधीश थोट्टिल बी. राधाकृष्णन की पीठ ने कबीर शंकर बोस द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोरोना संकट के कुप्रबंधन के खिलाफ शिकायत व्यक्त की गई थी।

केंद्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील वाई.जे. दस्तूर ने कहा कि गृह मंत्रालय राज्य का दौरा करना चाहता है, जिसे मौजूदा परिस्थितियों का निरीक्षण कर राज्य की स्थिति रिपोर्ट दाखिल कर सके|

हालांकि, राज्य सरकार की ओर से पेश एडवोकेट जनरल किशोर दत्ता ने केंद्र द्वारा दिए गए सुझाव पर आपत्ति जताई। उन्होंने आगे कहा कि पहले भी केंद्र सरकार की एक टीम ने विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण करने के लिए राज्य का दौरा किया था और पर्याप्त सामग्री एकत्र की थी, इसलिए केंद्रीय टीम को पुनः यात्रा की आवश्यकता नहीं हैं।  परंतु आगे की जांच केवल  राज्य सरकार प्रशासन की गलती खोजने के लिए होगी।

अधिवक्ता दस्तूर ने प्रस्तुत किया कि जो टीम पहले राज्य का दौरा किया था वह एक अंतर-मंत्रालयीय टीम थी, हालांकि अब केवल गृह मंत्रालय के सदस्य निरीक्षण के लिए राज्य का दौरा करेंगे।

पीठ ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह गृह मंत्रालय को निर्देश नहीं देगी कि वह इस दौरे पर जाए, हालांकि मंत्रालय अगर चाहें तो स्वयं निरीक्षण के लिए राज्य का दौरा कर सकता है।

इस मामले की अगली सुनवाई 26 मई को होगी|

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