भारत और पाकिस्तान के बीच बनने जा रहे करतारपुर कॉरिडोर की सुरक्षा के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने 1000 सैनिकों की एक नई बटालियन बनाने का विचार कर रही है।

बीएसएफ के 54वें स्थापना दिवस से एक दिन पहले बीएसएफ महानिदेशक रजनीकांत मिश्रा से पत्रकारों ने पूछा कि क्या खालिस्तानी आतंकवाद के दोबारा सिर उठाने के चलते फोर्स इस कॉरिडोर के आम जनता के लिए खोले जाने पर सुरक्षा कारणों को लेकर चिंतित है?

इसका जवाब देते हुए उन्होनें कहा कि कॉरिडोर की सुरक्षा उसके लिए कोई बड़ा मसला नहीं है, क्योंकि वह लंबे समय से अटारी-वाघा सीमा पर ऐसे ही काम को कर रहे है।

बता दें बीएसएफ अटारी-वाघा सीमा पर सशस्त्र सुरक्षा कवच उपलब्ध कराती है और वह इसमें लोगों को प्रवेश देने और बाहर निकलने की अनुमति देने के लिए उत्तरदायी है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीमा रक्षा बल कॉरिडोर की गतिविधियों से निपटने के लिए एक नई बटालियन (करीब 1,000 जवान) तैनात करने पर विचार कर रही है और उसे कुछ आधुनिक निगरानी और रक्षा उपकरणों की भी आवश्यकता पड़ेगी।

अधिकारी ने कहा यह अटारी-वाघा सीमा की तरह होगा। उन्होंने कहा, हमने सीमा के दोनों ओर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वहां बल की एक मजबूत टीम को तैनात किया है।

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