नोटबंदी और जीएसटी के बाद मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर हारी हुई नजर आ रही थी। विपक्ष लगातार सरकार की नीतियों पर कुठाराघात कर रहा था। जनता भी कह रही थी कि नीतियों में जल्दबाजी की गई। आंकड़े भी मोदी सरकार का साथ नहीं दे रहे थे। लेकिन अब मोदी सरकार का भाग्य पलट गया है। अब जनता ही नहीं आंकड़े भी उनका साथ देने लगे हैं। जी हां, चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश की विकास दर 7.2 फीसद रही है जो कि बीती पांच तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। इसके साथ ही भारत की विकास दर एक बार दुनिया में सबसे तेज हो गई है। इस मामले में उसने चीन को फिर से पीछे छोड़ दिया है। चीन की विकास दर 6.8 फीसद रहने का अनुमान लगाया गया है।

सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2017-18 के अक्टूबर-दिसंबर क्वॉर्टर के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट 7.2 प्रतिशत रही। 2017-18 के दूसरे क्वॉर्टर में जीडीपी दर 6.5 प्रतिशत रही थी। इस डेटा से पता चलता है कि साल 2017-18  में अक्टूबर-दिसंबर के क्वॉर्टर में देश की जीडीपी की रफ्तार सबसे तेज रही। बता दें कि केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में पूरे साल की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.6  प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पहले वर्ष के दौरान आर्थिक वृद्धि की दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था।

विनिर्माण क्षेत्र में  तीसरी तिमाही में शानदार बढ़त दर्ज हुई है। यह बढ़कर 6.8 फीसदी हो गई, जो कि दूसरी तिमाही में 2.8 फीसदी पर थी। वहीं सर्विस सेक्‍टर जिसमें वित्‍तीय सेवा क्षेत्र भी शामिल है, उसमें यह ग्रोथ 6.7 फीसदी  रही जो पिछले तिमाही में 6.4 फीसदी पर थी। याद दिला दें कि रेटिंग एजेसियों ने भी कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे आगे बढ़ेगी।  मूडीज ने कहा था कि नोटबंदी और जीएसटी का इंडियन इकोनॉमी पर निगेटिव असर खत्‍म हो जाएगा।

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