कहते हैं डॉक्टर ही भगवान होते हैं ….लेकिन अगर डॉक्टर ही हैवान बन जाए तो मरीजों का क्या होगा….इसकी बानगी देखने को मिली देहरादून के इंद्रेश अस्पताल में….यहां डॉक्टरों ने एक 23 साल की युवती को मामूली सी खरोंच आने पर प्लास्टर चढ़ा दिया और जब घरवालों ने महज 3 दिन में ही प्लास्टर काटा तो लड़की का हाथ सड़ने की कगार पर आ चुका था….

इसपर  युवती और उसके परिजन फिर से महंत इंद्रेश अस्पताल में गए जहां पर डॉक्टरों ने सीधे तौर पर उनसे कह दिया कि अब हाथ का कुछ नहीं हो सकता हाथ काट दिया जाएगा और इंफेक्शन फैलने पर मौत भी हो सकती है ….युवती के परिजनों ने विरोध किया तो साफ तौर पर अस्पताल प्रशासन और डॉक्टरों ने उन्हें ही मानहानि कर फंसाने की धमकी दी और दस लाख रुपए का मानहानि का नोटिस भी थमा दिया …..

मुकदमा ठोकने की धमकी देकर उन्हें चुप कराना चाहा… जिसके बाद युवती और उसके परिजन देहरादून के सीएमओ से भी मिले …लेकिन वहां पर भी कोई कार्यवाही ना हुई..लिहाजा परिजनों ने मुख्यमंत्री के समाधान पोर्टल में भी शिकायत की … प्रशासन तक भी इसकी शिकायत की ….लेकिन फिर भी कोई भी युवती की शिकायत पर सामने नही आया .. लिहाजा आज युवती और उसके परिजनों को कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में आना पड़ा …जिसके बाद मंत्री ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है….

संजय रमण सिन्हा, ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन

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