कानपुर में करीब 420 करोड़ के एक बड़े आवासीय योजना पर लगातार ग्रहण लगा हुआ है….कानपुर विकास प्राधिकरण पर चिड़ियाघर की जमीन पर गलत रिपोर्ट देकर निर्माण शुरू करने का आरोप है….कानपुर के नवाबगंज चिड़ियाघर की बाउंड्री से सटी हुई यूपी रोडवेज की कई एकड़ की बेशकीमती जमीन कानपुर विकास प्राधिकरण यानि की केडीए के गले की फांस बन गई है…

420 करोड़ 13 लाख रुपए की लागत वाली केडीए की अब तक की सबसे बड़ी आवासीय योजना अधर में लटक गई है…. चिड़ियाघर प्रशासन ने केडीए पर गलत जानकारी देकर आवासीय योजना बनाने का आरोप लगाया है…कानपुर विकास प्राधिकरण ने पर्यावरण मंत्रालय से एनओसी तक नहीं ली और काम शुरू कर दिया, जो चौंकाने वाला है….

प्रोजेक्ट से वन्यजीवों के जीवन पर खतरा मंडराने और पर्यावरण को गहरा नुकसान पहुंचने के मामले ने तूल पकड़ा तो एनजीटी ने 7 नवंबर 2017 को निर्माण पर रोक लगा दी थी… बंद प्रोजेक्ट के चक्कर में अब तक 13 करोड़ रुपए की चपत लग चुकी है…. पर्यावरण सुरक्षा को लेकर गठित समिति एक बार वजूद में आई है …जिससे कानपुर विकास प्राधिकरण को उम्मीद जगी है कि एनओसी जल्द मिल जाएगी…और प्रोजेक्ट पूरा होगा… हालांकि एनओसी लिए बिना प्रोजेक्ट को आखिरकार कैसे शुरू कर दिया गया यह एक बड़ा सवाल है

करोड़ों-अरबों रुपए किसी प्रोजेक्ट में लगाये जाए और शुरुआती जरूरी औपचारिकताएं तक पूरी न की जाए, यह चौंकाने वाली बात है…. वो भी चूक उससे हो जो दूसरों को जिम्मेदारी का एहसास कराता हो..ऐसे में शहर के विकास को रफ्तार देने का काम करने वाला कानपुर विकास प्राधिकरण आज सवालों के घेरे में हैं …

—ब्यूरो रिपोर्ट एपीएन  

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here