बाल दिवस जिसे हर साल जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है, उसे 14 नवंबर की बजाय 26 दिसंबर को मनाने की मांग की गई है। पश्चिम दिल्ली से बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुआ कहा, कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु का जन्मदिन 14 नवम्बर को बाल दिवस के रूप में नहीं मनाया जाना चाहिए बल्कि बच्चों के प्यारे चाचा नेहरु के जन्मदिवस को चाचा दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

बीजेपी सांसद ने कहा, कि बाल दिवस को पंडित नेहरू के जन्मदिन की बजाय गुरु गोविन्द सिंह के बच्चों की कुर्बानी के दिन के रूप में 26 दिसंबर को मनाया जाना चाहिए। क्योंकि इसी दिन मुगलों द्वारा गुरुगोविंद सिंह के बेटों की हत्या कर दी गई थी। प्रवेश वर्मा ने आगे कहा, कि सिक्खों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के बेटों ने देश के लिए अपने प्राण न्यौछावर किए थे, इसलिए बच्चों को उनके संघर्ष की कहानी पढ़ाई जानी चाहिए। Untitled 1Untitled 2

दरअसल, गुरु गोबिंद सिंह के दो बड़े साहिबज़ादे- अजीत सिहं और जुझार सिंह मुगलों की सेना से जंग के मैदान में लड़ते हुए भारी पराक्रम दिखाने के बाद शहीद हो गए थे। वहीं सरहिन्द के मुस्लिम गवर्नर ने गुरु गोविन्द सिंह की माता और दो छोटे पुत्रों को बंदी बना लिया था, जब उनके दोनों पुत्रों ने इस्लाम धर्म को कुबूल करने से मना कर दिया तो उन्हें जिन्दा दफना दिया गया था। बीजेपी सांसद ने कहा, कि उनके महान पुत्रों की शहादत को याद करने के लिए इस दिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

सांसद प्रवेश वर्मा ने बताया, कि उनकी ओर से पीएम मोदी को लिखी गई चिठ्ठी में 100 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। उन्होंने दावा किया है कि देश के 100 सांसद उनकी बात से सहमत हैं और उन्होंने बिना किसी दवाब के उनकी चिट्ठी पर हस्ताक्षर किए हैं।

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