लोकसभा चुनाव को अब चंद माह बाकी है। ऐसे में सभी पार्टियां चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं। इस मैदान में जहां एक तरफ भाजपा और उसके सहयोग दल हैं तो दूसरी तरफ महागठबंधन है जो कई पार्टियों से मिलकर बनी है। खास बात ये है कि इस महागठबंधन की गांठ कांग्रेस ने बांधी है और वही इसे अकेले संभाल भी रही है। वैसे महागठबंधन की गांठ सिर्फ और सिर्फ इस बात के लिए कसी गई है कि इस बार  भाजपा को हराना है। लेकिन इसके बावजूद महागठबंधन के पास कोई ऐसा चेहरा नहीं है जो नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर सके। हाल ये है कि महागठबंधन ने पीएम पद के उम्मीदवार की घोषणा तक नहीं की है और न ही इसका कोई अनुमान है।

ऐसे में सभी पार्टियों के एकजुट होने पर भी महागठबंधन मोदी-शाह की रणनीतियों पर भारी नहीं पड़ता दिख रहा है। ऐसा हम नहीं बल्कि एक भारतीय मीडिया का सर्वे भी कह रहा है। एक सर्वे के मुताबिक, एनडीए लोकसभा चुनाव में 543 सदस्यीय लोकसभा में 281 सीटों के साथ करीब-करीब आधे पर रह सकता है। वहीं यूपीए के खाते में 122 सीटें जा सकती हैं, जबकि अन्य सहयोगी दलों के खाते में शेष 140 सीटें आने की उम्मीद है। सर्वे में बीजेपी को अपने दम पर 245 और कांग्रेस को 83 सीटें मिलने का अनुमान है। इस तरह से बीजेपी को अपने दम पर 272 सीटों के बहुमत के आंकड़े से 27 सीटें कम मिल रही हैं।

ऐसे में अगर देखा जाए तो वर्तमान समय में महागठबंधन बीजेपी के आसपास भी ठहरती हुई नजर नहीं आ रही है। सर्वे के मुताबिक बीजेपी को 30 फीसदी, कांग्रेस को 23 फीसदी और अन्य के खाते में सबसे ज्यादा 47 फीसदी वोट जा सकते हैं। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की तुलना अन्य दल काफी मजबूत नजर आ रहे हैं।

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