देश में मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने वाले है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मंत्रियों से अभी तक किए गए कामों का हिसाब मांगा है। पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों को अपने-अपने मंत्रालय की 5-5 उपलब्धियों की सूची तैयार करने को कहा है। इन उपलब्धियों में मंत्रियों को पिछले तीन साल में अपने किए गए कामों से हुए खास सुधारों का जिक्र करना होगा। मंत्रियों को बताना होगा कि उनके काम से जनता को कितना फायदा हुआ और जनता कितनी खुश है। साथ ही साथ मोदी सरकार के सभी मंत्रियों को तुलनात्मक आंकड़े देने होंगे जिससे यह पता चले की बीजेपी के सत्ता में आने के बाद कहां कितना और कैसा विकास हुआ।
इन 5 कामों पर मांगा 3 पेज का नोट
- मंत्रालय की 5 बड़ी उपलब्धियां जिनसे जनता को फायदा पहुंचा हो या जिनको जनता से प्रशंसा मिली हो
- मंत्रालयों की खास उपलब्धियां
- 2014 से 2017 की स्थिति के तुलनीय आकड़े, जैसे कि 2014 में कितने एलपीजी कनेक्शन थे और 2017 में कितने हैं?
- मंत्रालय द्वारा लाये गये 3 सुधारों का उल्लेख, जैसे- प्रक्रिया, नीतियां, कार्यशैली, कार्यक्रम वगैरह
- एक-एक पैराग्राफ में सफलता की 2 सर्वश्रेष्ठ कहानियां
वेंकैया नायडू ने भेजा पत्र
इसी हफ्ते सभी मंत्रालयों को भेजे गये एक पत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने सभी मंत्रियों से उपलब्धियों के आंकड़े जमा कराने का आग्रह किया। सरकार की योजना है कि 26 मई के पहले ये सभी उपलब्धियां एक साथ एक पुस्तिका की शक्ल में छापी जाएं।
पीएम के विदेश दौरे का भी तैयार होगा हिसाब
कुछ मंत्री विशेष मुद्दों पर नोट तैयार करेंगे। उदाहरण के तौर पर केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री एम. जे. अकबर को प्रधानमंत्री मोदी के विदेशी दौरों, उनके नतीजों और देश में विदेशी निवेश में दर्ज की गई बढ़त पर नोट तैयार करने को कहा गया है। वहीं, सांसद स्वपन दासगुप्ता और चंदन मित्रा को बौद्धिक संभाषण पर नोट तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है। इस नोट में कम रोजगार सृजन और अभिव्यक्ति की आजादी पर कथित खतरों जैसे मुद्दों पर जवाब भी शामिल होंगे। इसी तरह पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों को कुछ ना कुछ काम देकर उन्हें फिलहाल व्यस्त कर दिया है ताकि तीन साल होने पर विपक्ष और जनता उनसे कामकाज का ब्यौरा मांगे तो उनके पास पहले से जवाब तैयार हो।