नीरव मोदी की ओर से पीएनबी को करीब 13000 करोड़ रुपये का चूना लगाए जाने के बाद अब बैंक कई स्तर पर सख्ती बरतने की तैयारी कर रहें हैं। इसके लिए बैंकों के क्रेडिट सिस्टम में कई अहम बदलाव किए जाएंगे। जिसमें ज्यादा कर्ज लेने वाले कॉरपोरेट्स की निगरानी बढ़ाने से लेकर, आईटी लेवल पर कई सिक्योरिटी चेक लगाने का खाका तैयार किया गया है। एसबीआई और दूसरे बैंकों के साथ हुई मीटिंग में कार्रवाई करने का खाका तैयार किया गया है।

अभी तक फंड ट्रांसफर के लिए इस्तेमाल हो रहे स्विफ्ट सिस्टम को कोर बैंकिंग सॉल्युशन से जोड़ा नहीं गया था। जिसका फायदा नीरव मोदी ने बैंक अधिकारियों से मिलकर LOU जारी करने में उठाया।

इसी तरह के फ्रॉड से बचने के लिए अब सभी बैंकों को अप्रैल 2018 यानी अगले महीने तक स्विफ्ट सिस्टम को कोर बैंकिंग सॉल्युशन से लिंक कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कि फंड ट्रांसफर की रियल टाइम ट्रैकिंग हो सके। इसके साथ ही आपको बता दें कि स्विफ्ट ऑपरेशन केवल सुबह 8 बजे से लेकर रात 9 बजे तक हो सकेगा।

इसके अलावा बैठक में एक अहम फैसला ये लिया गया है कि कोई भी ट्रांजेक्शन एनईएफटी और आरटीजीएस के जरिए तभी होगा, जब उसकी एंट्री सीबीएस में होगी।  यानी कोई एनईएफटी और आरटीजीएस ट्रांजेक्शन डायरेक्ट नहीं किया जा सकेगा। मैसेज सीबीएस में एंटर होने के बाद ही भेजा जा सकेगा। पीएनबी में 13 हजार करोड़ का घोटाला करने वाले नीरव मोदी ने डायरेक्ट मैसेज भेजने की सुविधा का लाभ उठाया था, उसे देखते हुए अब इसे सीबीएस से पूरी तरह से लिंक कर दिया जाएगा। ताकि भविष्य में इस तरह के घोटालों को रोका जा सकें।

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