कहते हैं नौनिहाल देश का भविष्य होते हैं लेकिन ताज नगरी आगरा के यही नौनिहाल मूलभूत सुविधाओं के बिना चल रहे सरकारी स्कूलों में पढ़ने को मजबूर हैं… कहीं स्कूलों की बिल्डिंग नहीं है तो कहीं बैठने के लिए बेंच-डेस्क नहीं… कहीं पीने का पानी नहीं… कही शौचालय नहीं और यहां तक कि बिजली के कनेक्शन तक नहीं है… योगी सरकार बनने के बाद आम जनता के साथ साथ इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में भी आस जगी थी कि शायद उनकी मूलभूत सुविधाओं में भी सुधार देखने को मिलेगा लेकिन सरकार बदली शिक्षा के हालात नहीं बदल सके… बच्चों की माने तो जहां पिछले साल किताबें लगभग आधे सत्र बीत जाने के बाद आई वही स्वेटर भी सर्दी बीतने के बाद मिले…

वही टीचर्स का कहना है की योजनाएं बन रही है काम भी चल रहा है लेकिन देरी से बच्चों की ड्रेस का मिलना, किताबों का लेट आना और स्वेटर सर्दी के बीत जाने के बाद मिलना, कहीं ना कहीं जमीनी स्तर पर इन वादों को खोखला साबित करता है।

जब इस बारे में प्राथमिक शिक्षक संघ के मंत्री राजीव वर्मा से बातचीत की गई तो उनका कहना था कि जहां स्कूलों में बिल्डिंग के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं का होना बहुत जरूरी है वही टीचर्स की जो कमी है, उसको दूर करना भी बहुत जरूरी है उनका कहना था टीचर को शिक्षण कार्य के साथ साथ कई अन्य सरकारी योजनाओं में लगा दिया जाता है जिससे शिक्षण कार्य प्रभावित होता है अब ऐसी में जहां योगी सरकार अपनी 1 साल की उपलब्धियां गिनाने में लगी है वही शिक्षा के स्तर में सुधार ना होना कहीं ना कहीं इन उपलब्धियों पर बड़े सवाल खड़े करता है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here