आए दिन मुस्लिम धर्मगुरुओं के तरफ से कोई न कोई फतवा जारी हो जाता है। अब एक बार फिर मुस्लिम महिलाओं पर एक नया फतवा जारी हुआ है। दारुल उलूम देवबंद ने एक फतवा दिया है कि मुस्लिम औरतों का चूड़ी की दुकान पर पराए मर्दों से चूड़ी पहनना गैर इस्लामिक है।  वहीं बरेली की विश्व प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत ने अपने फतवे में कहा है कि समारोहों में मुस्लिम महिलाओं का पुरुषों के साथ भोजन करना इस्लामिक नहीं है। दरगाह आला हजरत के मरकजी दारुल इफ्ता से जारी फतवे में कहा गया है कि शादी समारोह और जलसों के मौकों पर औरतों और मर्दों का एक साथ भोजन करना नाजायज है।

चूड़ी के केस में फतवे में कहा गया है कि जो महिलाएं बाजार में पराए मर्दों के हाथों से चूड़ियां पहनती हैं, वह गुनाह है। इस संबंध में मौलाना अबुल इरफान मियां फिरंगीमहली ने कहा, “एक औरत जब गैर मर्दों को हाथ पकड़ाएगी और वो हाथ पकड़ के चाहे वो किसी भी बारे में क्यों ना हो। यह हाथ, यह पैर, यह आंखे। यह बहुत खतरनाक है। यह मिनटों में आदमी को कहीं से कहीं पहुंचा देती हैं। वहीं दूसरी तरफ कई मुस्लिम समुदायों ने इसका विरोध किया है। मुस्लिम व्यापारियों ने भी इसका विरोध किया है। उनका कहना है कि अगर यह फतवा लागू हो जाए तो उनका कारोबार बंद हो जाएगा क्योंकि यह काम 99 फीसदी मर्द ही करते हैं।

अब देखना ये है कि यह फतवा कब तक जारी रहेगा। क्या देश भर में मुस्लिम व्यापारियों को कोई दूसरा रोजगार ढूंढ़ना होगा या फिर सरकार इसमें हस्तक्षेप करेगी। मुस्लिम महिलाओं का भी इस संबंध में यही कहना है कि अगर अब मर्द के जगह औरतें चूड़ी पहनाएंगी तो बच्चे कौन संभालेगा।

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