राम मंदिर निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद रविवार को अयोध्या में धर्म संसद का आयोजन करने जा रहा है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी शनिवार को अयोध्या पहुंच रहे हैं।

यूपी सरकार ने बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं की उपस्थिति को देखते हुए भारी तादात में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। अयोध्या में एक बार फिर 1992 जैसे हालात बनते दिख रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष सीएम अखिलेश यादव ने कल कहा है कि राम मंदिर मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है और बीजेपी को ना तो सुप्रीम कोर्ट और ना ही संविधान में विश्वास है और वह अपने हित के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट इसका ध्यान रखे और जरूरत हो तो अयोध्या में सेना की भी तैनाती की जाए।

अक्सर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली हिंदू नेता साध्वी प्राची ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में कहा कि जब सबरीमाला केस में कोर्ट तेजी से निर्णय कर सकती है तो राम मंदिर केस में क्यों नहीं।

उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी जनेऊ पहनकर मंदिर में दर्शन करने का नाटक करने वाले मंदिर निर्माण में बाधा डाल रहे हैं। साध्वी ने कहा कि 3 अक्टूबर 1990 का दिन भी याद है जब मुलायम सिंह ने कारसेवकों पर गोलियां चलवाई थी।

6 दिसंबर 1992 का दिन भी याद है जब मंदिर गिराई गई। कुरआन में लिखा है कि मंदिर तोड़कर बनाई गई मस्जिद स्वीकार नहीं की जाती। जब तक हामिद अंसारी उपराष्ट्रपति थे इकबाल को डर नहीं लगा अब डर लगने लगा है। प्राची ने कहा कि 25 नवंबर को राम मंदिर निर्माण के लिए नींव रख दी जाएगी।

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