अतीक-अशरफ के हत्यारे ने SIT इन्वेस्टिगेशन में किए कई खुलासे, बताया क्यों लगाए थे ‘जय श्री राम’ के नारे

लवलेश तिवारी बांदा के क्योतरा के रहने वाले हैं। लवलेश के खिलाफ चार पुलिस मामले दर्ज हैं। लड़की को थप्पड़ मारने के आरोप में वह जेल जा चुका है। सन्नी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है।

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Atiq Shooter Interrogation
Atiq Shooter Interrogation

Atiq Shooter Interrogation: पुलिस हिरासत में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले आरोपियों से पुलिस दूसरे दिन भी पूछताछ करने वाली है। स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने पहले 8 घंटे तक तीनों को अलग-अलग बैठाकर पूछताछ की थी। अब तीनों आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर भी पूछताछ की जाएगी। पूछताछ के दौरान, तीनों हत्यारों (लवेलेश, सनी और अरुण) से अलग-अलग उनके जीवन, परिवार, आदतों और शौक के बारे में जानकारी जुटाई गई है।

Atiq Shooter Interrogation: लवलेश ने खुद को बताया परशुराम को वंशज

बता दें कि पूछताछ के दौरान तीनों ने कई खुलासे किए हैं। SIT के सामने लवलेश तिवरी ने खुद को परशुराम का वंशज बताया था। पूछताछ के दौरान अतीक ब्रदर्श की हत्या करने वाले तीनों आरोपी अपनी-अपनी थ्योरी पर अड़े रहे।

सनी ने पूछताछ में कहा- मेरा कोई मेंटर नहीं है

मिली जानकारी के अनुसार लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण ने कहा कि वो माफिया अतीक अहमद को मारकर पैसा और शोहरत कमाना चाहते थे। वहीं, सनी ने एसआईटी से कहा कि मेरा कोई मेंटर नहीं है, मैं खुद डॉन हूं। अरुण ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि पानीपत के एक दोस्त ने उसे हथियार दिया था। पुलिस ने अरुण मौर्य से पूछा कि जिगाना जैसी खतरनाक और महंगी पिस्तौल किस दोस्त ने उन्हें दी थी?

इस सवाल का जवाब देते हुए अरुण ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि यह इतनी महंगी पिस्टल है, मैं इसे एक अच्छा हथियार मान रहा था, जिससे कोई नहीं बचेगा। वहीं, पूछताछ में सनी सिंह ने सुंदर भाटी का नाम लिया है। हमीरपुर जेल में बंद रहने के दौरान वह सुंदर भाटी के संपर्क में आया था, लेकिन जेल बदलने के बाद फिर कभी संपर्क नहीं हुआ।

तीनों आरोपी पत्रकार बनकर आए थे

गौरतलब है कि प्रयागराज में शनिवार रात अतीक और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोपी है अरुण मौर्य, सन्नी और लवलेश। तीनों पत्रकार बनकर पुलिस काफिले के पास पहुंचे और जैसे ही अतीक और उसके भाई अशरफ ने मीडिया से बात करनी शुरू की तीनों ने फायरिंग शुरू कर दी। इतना ही नहीं अतीक ब्रदर्स की हत्या के बाद तीनों ने जय श्री राम के नारे भी लगाए।

पहले दिन की पूछताछ के दौरान जब एसआईटी ने पूछा कि तुमने जय श्री राम के नारे क्यों लगाए थे? इस सवाल का जवाब देते हुए आरोपियों ने कहा कि अपने अंदर के डर को भगाने के लिए हमने जय श्री राम के नारे लगाए थे।

बता दें कि अतीक ब्रदर्स की हत्या के दौरान करीब 18 राउंड गोलियां चलीं, जिनमें से 8 गोलियां अतीक अहमद को लगीं। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हत्या के बाद तीनों आरोपियों ने तुरंत सरेंडर कर दिया। अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले के रहने वाले हैं.

सन्नी सिंह हिस्ट्रीशीटर है

लवलेश तिवारी बांदा के क्योतरा के रहने वाले हैं। लवलेश के खिलाफ चार पुलिस मामले दर्ज हैं। लड़की को थप्पड़ मारने के आरोप में वह जेल जा चुका है। सन्नी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है। वह कुरारा थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट का नंबर 281ए है। उसके खिलाफ करीब 15 मामले दर्ज हैं। जबकि अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात सिपाही की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से वह फरार चल रहा था।

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