तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर ने आखिरकार विधानसभा को भंग करने का फैसला कर ही लिया। कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हन के पास भेजी गई थी जिसे राज्यपाल ने भी मंजूर कर लिया। इसी के साथ अब ये स्पष्ट हो गया है कि तेलंगाना में समय से पहले चुनाव होंगे। हालांकि पहले ये चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ ही होने थे लेकिन विधानसभा को भंग करने की सिफारिश के साथ ये तय हो गया है कि एमपी, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथही तेलंगाना में भी चुनाव हो सकते हैं। नई सरकार के गठन तक के चंद्रशेख राव ही राज्य के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

गठबंधन के सवाल पर केसीआर की ओर से ये साफ कहा गया कि वो कांग्रेस के गुलाम नहीं हैं।राहुल गांधी को सबसे बड़ा मसखरा करार दिया। केसीआर ने कहा कि जिस तरह से राहुल गांधी ने सदन में प्रधानमंत्री को गले लगाकर आंख मारी उसे पूरे देश ने देखा है। इतना ही नहीं आगे चंद्रशेखर राव ने कहा कि राहुल गांधी को कांग्रेस विरासत में मिली है।

कांग्रेस की दिल्ली सल्तनत के वो कानूनी तौर पर वारिस हैं।इसीलिए मैं लोगों से अपील करता हूं कि हमें कांग्रेस का गुलाम नहीं बनना। तेलंगाना के फैसले तेलंगाना में ही होने चाहिए। बीजेपी के साथ जाने के सवाल पर केसीआर ने कहा कि हमारी पार्टी 100 फीसदी धर्म-निरपेक्ष है। ऐसे में बीजेपी के साथ जाने का भी सवाल नहीं उठता। इसी के साथ टीआरएस ने आने वाले विधानसभा चुनाव के लिए 105 उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान कर दिया है। उधर, कांग्रेस की तरफ से इसे टीआरएस प्रमुख के चंद्रशेखर राव की चाल कहा जा रहा है। आरोप लगाया जा रहा है कि बीजेपी के इशारे पर ही केसीआर ने ये कदम उठाया है।

ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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