उत्तर प्रदेश समेत कई शहरों में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन और हिंसा के पीछे पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के होने को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ा खुलासा किया है।

गृह मंत्रालय को भेजे नोट में ईडी ने बताया है कि पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों 120 करोड़ से ज्यादा की राशि कई लोगों और संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर की गई। जिसमें से कुछ रकम बड़े वकीलों के खातों में भी ट्रांसफर की गई है।

ईडी के मुताबिक जांच के दौरान ऐसे 73 खातों के बारे में पता चला है, जिनसे पीएफआई के 27 और इससे संबंधित ईकाई रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) के नौ और 17 अलग-अलग बैंकों में संबंधित व्यक्तियों/इकाइयों के 37 एकाउंट में पैसे जमा कराए गए हैं।

ईडी को जांच में पता चला है कि 73 बैंक खातों में करीब 120.5 करोड़ जमा किए गए हैं जो प्रदर्शन वाले या उससे दो से तीन दिनों के भीतर इन बैंक खातों में बहुत मामूली राशि छोड़कर निकाल लिए गए थे। इन बैंक खातों में कैश, आरटीजीएस/एनएफटी और आईएमपीएस द्वारा जमा किए गए है। ईडी ने बताया है कि इन खातों में चेक के जरिए ही लेन देन हुए है।

पीएफआई के दिल्ली के नेहरू प्लेस स्थित सिंडिकेट बैंक के खातों में जमा हुए पैसों की जांच के दौरान पश्चिमी यूपी के जिलों जैसे बहराइच, बिजनौर, हापुड़, शामली, डासना आदि में कई बार कैश पकड़े जाने पर इस पूरे षड़यंत्र का खुलासा हुआ।

इन बैंक खातों में कैश 41 करोड़ 50 लाख जमा किए गए थे। वहीं पीएफआई के 27 बैंक खातों में ज्यादातर कैश ही जमा किया गया जो कुल जमा राशि का लगभग पचास प्रतिशत है। इन खातों 59 करोड़ में से 27 करोड़ रुपये कैश में जमा किए गए थे।

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