सामाजिक कार्यकर्त्ता अन्ना हजारे ने केन्द्र में लोकपाल नियुक्त करने की मांग को लेकर शुक्रवार से अनिश्चतकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी है। अपनी मांग को मनवाने के लिए अन्ना हजारे ने उसी जगह से आंदोलन शुरू किया है, जहां उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी। अन्ना हजारे रामलीला मैदान में भूख हड़ताल पर बैठे हैं और वहीं से अपनी मांग को पूरा कराने के लिए केंद्र को चुनौती दे रहे हैं। अपने आंदोलन में देशवासियों का सहयोग मांगने के लिए आंदोलन से एक दिन पहले अन्ना हजारे ने ट्विट भी किया।


अनशन पर बैठने से पहले अन्ना हजारे राजघाट में महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर गए और वहां जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने शहीदी पार्क जाकर शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद हजारे ने तिरंगा फहराते हुए अनशन की शुरुआत की। बताया जा रहा है कि इस आंदोलन में शामिल होने के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और कर्नाटक के पूर्व लोकायुक्त एन संतोष हेगड़े भी रामलीला मैदान पहुंचे।

अन्‍ना हजारे ने हड़ताल से पहले कहा, कि मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा, लेकिन सरकार ने कोई जवाब देना जरुरी नहीं समझा इसलिए अब मुझे अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार को चुनौती देते हुए कहा, कि जब तक शरीर में प्राण है, तब तक हक की ये लड़ाई यूं ही जारी रहेगी। साथ ही उन्होंने कहा, कि 80 वर्ष की उम्र में हार्ट अटैक से मृत्यु होने की बजाए समाज की भलाई के लिए मृत्यु हो।

इसके बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए अन्ना बोले, प्रदर्शनकारियों को दिल्‍ली लेकर आ रही ट्रेन को भाजपा ने कैंसिल करा दिया क्योंकि वे उन्‍हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं। इसके अलावा मेरे आंदोलन को रोकने के लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।

ये हैं अन्‍ना की मांगें

  1. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए।
  2. 60 वर्ष से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन।
  3. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्‍त किया जाए।
  4. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए।
  5. किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्‍यादा दाम मिले।

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