तीन तलाक को सुप्रीम कोर्ट ने अवैध करार दिया है लेकिन मुस्लिम समाज में ऐसे भी कुछ लोग हैं जो अब भी यह काम कर रहे हैं। उन्हें किसी भी नियम और कानून का कोई डर-भय नहीं है। ऐसा ही एक मामला अलीगढ़  में हुआ है जहां अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग के प्रोफेसर ने अपनी पत्नी को व्हाट्सएप्प के जरिए तलाक दे दिया। अब पीड़ित पत्नी मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक इंसाफ की गुहार लगा रही है।

बता दें कि एएमयू के एक प्रोफेसर खालिद बिन यूसुफ खान ने अपनी पत्नी को व्हाट्सएप्प पर तीन तलाक दिया है। सके बाद से परेशान उनकी पत्नी ने आत्महत्या की धमकी दी है। पत्नी का कहना है कि अगर उसके साथ न्याय नहीं हुआ तो एएमयू के कुलपति तारिक मंसूर के घर के सामने बच्चों संग आत्महत्या कर लेगी। यासमीन का आरोप है कि पहले तो खालिद ने उसे व्हाट्सएप्प पर तलाक भेज दिया और फिर उसके बाद उसने टेक्सट मैसेज के जरिए तलाक दिया।

वहीं अपनी पत्नी के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए खालिद ने कहा कि मैंने केवल उसे व्हाट्सएप्प या टेक्सट मैसेज के जरिए तलाक नहीं दिया बल्कि दो लोगों के सामने और शरियत की अवधि का पालन करते हुए उसे तलाक दिया था। इस बीच, महिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि उनके पति ने उच्चतम न्यायालय के तीन तलाकपर हालिया फैसले के खिलाफ कदम उठाया है।

इतना ही नहीं खालिद का कहना है कि यासमीन पिछले दो दशकों से उनका उत्पीडऩ कर रही है। यासमीन से उनके निकाह के दौरान काफी चीजें छुपाई गईं थीं। मुझे बाद में पता चला कि वह ग्रैजुएट भी नहीं है, जैसा उसने पहले दावा किया था। मैं उसे एक तय तारीख को तीसरा तलाक भी दूंगा और मुझे कोई नहीं रोक सकता। मुझे फर्क नहीं पड़ता वह क्या कहती है।

बरहाल मामला अलीगढ़ पुलिस के संज्ञान में है। इस मामले में एसएसपी अलीगढ़ राजेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि यासमीन को घर में पहुंचा दिया गया है। उन्होंने कहा कि अभी यासमीन ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है इसलिए पुलिस कुछ ज्यादा कर नहीं सकती।

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