पंजाब के अमृतसर जिले के राजसांसी इलाके में रविवार को निरंकारी सत्संग भवन में ब्लास्ट किया गया। चेहरा ढंक कर मोटरसाइकिल से पहुंचे दो युवकों ने ग्रेनेड फेंका। हमले में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 अन्य घायल हुए हैं। इस घटना का पाक के आईएसआई से कनेक्शन की खबरें सामने आ रही है।

मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक जांच में पाया गया है कि इस हमले में जिस ग्रेनेड का नकाबपोश हमलावरों ने इस्तेमाल किया था, वह HE-36 सीरीज का है। इस तरह के ग्रेनेड पाकिस्तानी फौज इस्तेमाल करती है। यह एक हैंड ग्रेनेड है जो फेंके जाने के बाद धुआं छोड़ता है और इसके बाद जोरदार धमाका होता है।

हमला किसने करवाया है अभी इस बात की पुष्टि तो नहीं हुई है, लेकिन हमले का शक खालिस्तानी समर्थकों पर है। जिन दो लड़कों पर ग्रेनेड फेंकने का शक है, उनकी तस्वीर भी सामने आई है। पंजाब पुलिस के सूत्रों की मानें तो हमले के पीछे खालिस्तानी समर्थकों का हाथ है, जिन्होंने लोकल लड़कों को बहकाकर इस वारदात को अंजाम दिया।

बताया जा रहा है कि इस हमले के लिए विदेश से फंडिंग हुई है, जिसकी मदद से ही आईएसआई के स्लीपर सेल ने स्थानीय लड़कों को हैंड ग्रेनेड मुहैया कराई गई। खुफिया एजेंसियों को निरंकारी भवन पर हुए ग्रेनेड हमले का शक गोपाल सिंह चावला पर है जो आतंकी हाफिज सईद के साथ देखा गया था। खुफिया एजेंसियों के मुताबिक चावला पंजाब में आईएसआई की मदद से धमाके करने की योजना बना रहा था। गोपाल सिंह चावला पाकिस्तानी सिख है और वह पाकिस्तानी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का पूर्व महासचिव है। उसे खालिस्तानी समर्थक माना जाता है।

उधर, इस मामले में पंजाब और जम्मू-कश्मीर के बॉर्डर पर नया हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। NIA की 3 सदस्यीय टीम घटनास्थल पर जांच के लिए पहुंची है। वहीं पंजाब सरकार ने हमलावरों के सुराग देने वालों को सरकार 50 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है।

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