कोरोना काल के बाद लोगों की जिंदगियां पटरी पर लौट रही है। धीरे-धीरे सब कुछ सामान्य हो रहा है। सिनेमा घर, कॉलेज और स्कूल खुल रहे हैं। लंबे समय बाद बच्चे अब स्कूल का रूख करेंगे। स्कूल जाने वाले बच्चों के माता-पिता को कोरोना का डर सता रहा है वहीं लंबे समय बाद बच्चे स्कूल जाने से कतरा रहे हैं। बच्चों को स्कूल आने के लिए या स्कूल की तरफ आकर्षित करने के लिए अनोखा तरिका अपनाया जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में 8 फरवरी से कक्षा 6 से 8 तक का स्कूल खुल गया है। इन बच्चों को स्कूल मन लगे इसलिए स्कूल खूलने से पहले दीवारों को ट्रेंन की तरह पेंट किया गया है। पेंटिंग को देखकर लग रहा है कि, लाइन से ट्रेन की बोगिया खड़ी हैं।

इस सुंदर तस्वीरो को रेल मंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है। गोयल लिखते हैं, “बच्चों में स्कूल जाने के प्रति उत्सुकता, और उनको प्रोत्साहित करने के लिये कानपुर स्थित भीतरगांव में एक स्कूल को ट्रेन के कोच के रूप में रंगा गया।”

ये तस्वीर कानपुर स्थित भीतरगांव में एक स्कूल की है। यहां पर क्लास की दीवारों पर सुंदर पक्षियों का चित्र बनाया गया है। ताकि बच्चों को मन कक्षा में लगा रहे। साथ ही स्कूल के कीचन को रेल के इंजन का रंग दिया गया है। दूर से देखने के बाद ये पूरी तरह इंजन ही लगता है।

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बता दें कि, शिक्षकों ने कायाकल्प योजना के तहत स्कूल भवन की रंगाई-पुताई नए अंदाज में कराने की योजना बनाई। उन्होंने ट्रेन की बोगी और इंजन की कल्पना को स्कूल भवन में साकार करने की ठानी।

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स्कूल की रंगाई पोताई में पंचायत के सचिव रामपाल ने लोगों का साथ दिया। पेंटिंग के बाद जब स्कूल तैयार हुआ तो लोग इसे दूर-दूर से देखने के लिए आरहे हैं। दूर से देखने पर लगता है जैसे कि स्कूल भवन नहीं बल्कि, ट्रेन की बोगी खड़ी है। स्कूल भवन के नए लुक को देखने के लिए आसपास के ग्रामीण और स्कूलों के शिक्षक भी आ रहे हैं।

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शिक्षकों का दावा है कि विद्यालय छात्रों के आकर्षण का केंद्र बनेगा और उनकी पढ़ाई में रुचि बढ़ेगी। इसलिए स्कूल को ट्रेन का लूक दिया गया है। बच्चों को वैसे भी ट्रेन काफी पसंद है।

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गौरतलब है कि, जिस नए लुक में विद्यालय की पेंटिंग कराई गई है, वह काफी आकर्षक है। ट्रेन की बोगी वाला स्कूल का नया लुक बच्चों को भी आकर्षित करेगा। अन्य शिक्षकों को भी इससे सीख लेनी चाहिए।

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