वर्ल्ड कप मैच दूसरे घरों में जीतने के बाद भले ही भाजपा का सीना चौड़ा हो जाए लेकिन जब अपने ही घर में कोई वनडे सीरीज हरा दे तो दुख ज्यादा होता है। कुछ ऐसा ही यूपी-बिहार के उपचुनावों में देखने को मिला। भले ही त्रिपुरा में विशाल जीत के साथ 25 साल बाद बीजेपी सत्ता बनाने में कामयाब रही लेकिन यूपी के उपचुनावों में सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के गढ़ में जो हार बीजेपी को देखने को मिली, उससे विपक्षी पूर्ण रूप से उठ खड़े हुए हैं।  उत्तर प्रदेश के फूलपुर लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी नागेंद्र प्रताप सिंह ने जीत दर्ज की है। नागेंद्र प्रताप सिंह ने कुल 59,613 मतों के अंतर से बीजेपी कौशलेंद्र सिंह पटेल को हराया है। वहीं शाम तक की गिनती में गोरखपुर सीट पर 29वें राउंड के बाद  सपा प्रत्याशी 24,723 वोटों से आगे चल रहे थे।

ऐसे में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के गढ़ में विपक्षियों ने सेंध लगा दी और उपचुनाव में भारी वोटों से जीत दर्ज की। बता दें कि इस बार बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने उम्मीदवार नहीं उतारे थे। ऐसे में माना जा रहा है कि सपा-बसपा दोनों मिलकर चुनाव लड़ रहे थे और दोनों ने मिलकर भाजपा को उसी के घर में मात दी। इन नतीजों से सपा और बसपा के खेमे में उल्लास का माहौल है, लेकिन कांग्रेस बीजेपी की हार देखकर भी जश्न नहीं मना पा रही है। वजह यह है कि दोनों सीट पर उसके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है।

रिजल्ट का रुख देखने के बाद सीएम योगी ने मीडिया को बताया कि वो जनता के मत का स्वागत करते हैं और इस हार की समीक्षा करेंगे।

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