पंजाब के सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा है कि डेरा बाबा नानक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के शिलान्यास समारोह के दौरान संघीय ढांचे के प्रति अपने कथित प्यार को ज़ाहिर करने वाले शिरोमणि अकाली दल का असली चेहरा सामने आ गया है। रंधावा ने आज यहां कहा कि राज्यों को अधिक अधिकार देने के मुद्दे पर सियासी  रोटियाँ सेकने वाले अकालियों ने अपने संकुचित राजनीतिक हितों के ख़ातिर पंजाब के हकों पर डाका मारते हुए लोगों की चुनी हुई सरकार को नजऱ अंदाज़ किया।

उन्होंने कहा कि कॉरिडोर की आधारशिला रखे जाने दौरान अकाली दल ने असंवैधानिक तौर पर पूर्व मु्ख्यमंत्री और अकाली दल के प्रधान का नाम शिलान्यास पट्टिका पर लिखवाया जो सीधे तौर पर पंजाब राज्य के हकों पर डाका था। उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों की चुनी हुई सरकार के नुमायंदों की उपेक्षा करते हुये जनता द्वारा नकारे गए बादल परिवार ने ओछी राजनीति करके प्रोटोकल की भी उल्लंघना की है।

उनके अनुसार केंद्र सरकार को राज्य के हकों की अपेक्षा बादल परिवार के हक ज़्यादा प्यारे हैं। प्रोटोकोल के  अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री का शिलान्यास पत्थर पर न तो नाम नहीं लिखा जा सकता और न ही मंच पर बैठाया जा सकता है। यह उल्लंघना उस समय पर हुई जब देश के उप राष्ट्रपति और पंजाब के राज्यपाल मंच पर बैठे थे। उन्होंने कहा कि अकाली दल हमेशा ही दोगली नीति पर चलता है। जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार होती है तो अकाली दल को राज्य के हक याद आ जाते हैं और संघीय ढांचे के कथित नंबरदार बन जाते हैं और जब अकाली दल के सहयोगी दलों की सरकार होती है तो वो मर्यादाओं की सभी सीमाएं पार करता हुआ ख़ुद पंजाब राज्य के अंदर ही संघीय ढांचे का गला घोंट देता है।

रंधावा ने कहा कि जब केंद्र में डा0 मनमोहन सिंह सरकार थी तो केंद्र सरकार द्वारा राज्य में रखे गए समागमों के दौरान राज्य सरकार को पूरा आदर-सत्कार दिया जाता रहा।रिफायनरी, भाभा एटमी रिर्सच सैंटर आदि के समागमों में बादल सरकार को पूरा सम्मान दिया गया । राज्य के लोग अकालियों को विधानसभा चुनाव की तरह आगामी लोकसभा चुनावों में राज्य की राजनीति से बाहर कर देंगे।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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