थराली में मुश्किल से अपने पति की सीट बचाने में सफल हुईं नवनिर्वाचित विधायिका मुन्नी देवी बोलते हुए भावुक दिखीं। नयी जिम्मेदारी के साथ जनता की सेवा करने के साथ ही अपने पति के अधूरे कामों को पूरा करने का वादा किया। मुन्नी देवी की पीड़ा इस बात को लेकर है कि वह विधायक के साथ-साथ चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष थीं लेकिन कुछ लोगों ने जबरदस्ती उन्हें कुर्सी से बेदखल कर ठीक नहीं किया।दिवंगत विधायक मगनलाल शाह की पत्नी मुन्नी देवी ने भावुक होकर कहा कि जो उनके साथ हुआ है वो किसी के साथ ना हो। क्योंकि जब वह विधायक की शपथ ले लेतीं तो वैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष के पद को छोड़ देतीं लेकिन कुछ लोगों को उनकी जीत बर्दाश्त नहीं हुई।

बीजेपी विधायिका मुन्नी देवी के दुख पर प्रदेश पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट भी सहमत दिखे। पार्टी अध्यक्ष अजय भट्ट ने साफ़ किया है कि वो फ़िलहाल दोनों पदों पर बनी रहेंगी और जो लोग उनके खिलाफ साजिश कर रहे है उनसे सख्ती से निपटा जायेगा। बीजेपी प्रदेश अद्यक्ष अजय भट्ट के मुताबिक जिला पंचायत का पद लाभ का पद नहीं है। इसलिए थराली से बीजेपी विधायक मुन्नी देवी दोनों पदों पर रह सकती हैं। फिलहाल इस मामले में सरकार और संघटन विधिक सलाह भी ले रहा है।

इस मामले से जाहिर है कि थराली उपचुनाव में भी बीजेपी नेता मुन्नी देवी के खिलाफ गुटबंदी हुई। वरना कांग्रेस उम्मीदवार जीतराम टम्टा से उनकी जीत का अंतर चंद हजार वोटों की बजाय और बडा होता। इससे साफ है कि थराली विधानसभा उपचुनाव की अग्निपरीक्षा में पास हुई मुन्नी देवी ने जीत हासिल कर भले ही कांग्रेस के उम्मीदवार जीत राम टम्टा को मात दी हो। इसके लिये बीजेपी संगठन ने भी पूरी ताकत झोंक दी, सीएम त्रिवेंद्र रावत ने खुद 6 चुनावी रैलियां कर इज्जत बचा ली हो लेकिन वहां मुन्नी देवी को हराने की मंशा पालने वाले कई लोग बीजेपी में शामिल हैं जो आने वाले दिनों में पार्टी की साख को खासा नुकसान पहुंचा सकते हैं।

—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here