एशिया की सबसे बड़ी सैनिक विमान प्रदर्शनी – एयरो इंडिया (Aero India) बेंगलुरु से बाहर जा सकती है। वहीं भारतीय वायुसेना ने एयरो इंडिया शो को बेंगलुरु से उत्तर प्रदेश शिफ्ट करने के केंद्र के प्रस्ताव पर चिंता जाहिर की है। वहीं इन ख़बरों से परेशान मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्‍वामी और उनके मंत्रियों ने पीएम मोदी को खत लिखा है और केंद्र सरकार से इस मामले पर अपनी स्थिति साफ़ करने की मांग की है। कुमारस्वामी ने कहा कि एयरो इंडिया के लिए बेंगलुरु सबसे मुफीद जगह है।

बता दें कि बेंगलुरु पिछले 22 सालों से एयरो इंडिया शो की मेजबानी कर रहा है। ये प्रदर्शनी बेंगलुरु में 1996 से होती आ रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ पहले ही रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से एरो इंडिया को उनके राज्य में लाने को कह चुके हैं।

कुमारस्वामी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर इंडिया शो की मंजूरी देने के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम को आयोजित करने में राज्य का पिछला अनुभव, इसकी अनुकूल मौसम स्थिति और रणनीतिक रूप से स्थित रक्षा और विमानन उद्योग ने शो के लिए राज्य को अच्छा विकल्प बना दिया है।

वहीं एयरफोर्स का कहना है कि लखनऊ के बाहरी इलाके में ‘बक्शी का तालाब’ एयरपोर्ट एक छोटा सा स्टेशन है, इसमें इतनी सुविधाएं नहीं हैं कि इतने बड़े इवेंट का आयोजन किया जा सके। सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में सुविधाओं के सुधार में 12-14 महीने लगेंगे। एयरफोर्स ने रनवे की मरम्मत न होने और एयरक्राफ्ट को पार्क करने और विक्रेताओं के लिए स्टेशन में जगह न होने का भी मुद्दा उठाया है। इसके साथ ही एयरफोर्स ने लखनऊ से ‘बक्शी का तालाब’ तक की सड़क यात्रा को भी बुरा सपना बताया  है। सूत्र ने बताया कि आईएफ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश हवाई अड्डे में आधुनिक नौवहन की सुविधाएं भी नहीं हैं। शो के लिए इतने कम वक्त में लखनऊ एयरपोर्ट को तैयार करने में अपनी अक्षमता व्यक्त करते हुए आईएफ ने कहा कि कितना भी जोर लगाने के बाद यह बेंगलुरु की सुविधाओं का मुकाबला नहीं कर सकता।

ये है एयरो इंडिया?
एयरो इंडिया बेंगलुरु में येलहंका एयरफोर्स स्टेशन पर आयोजित द्विवार्षिक इंटरनेशनल एयर शो और विमानन प्रदर्शनी है। रक्षा मंत्रालय द्वारा एचएएल की साझेदारी में इसका आयोजन किया जाता है। बेंगलुरु 1996 से अब तक एयरो इंडिया के 11 शो की मेजबानी कर चुका है। 11वें संस्करण में 549 कंपनियों (270 भारतीय और 279 विदेशी) ने इसमें भाग लिया था। इसमें भाग लेने वाले 72 विमानों ने 27,678 वर्ग मील के क्षेत्र को ढका था। 51 से अधिक देशों ने इसमें हिस्सा लिया था।

इसके अलावा एचएएल, बीईएल, बीईएमएल और इसरो जैसे सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों द्वारा बनाए गए डिफेंस वेंडर बेस के आधार के साथ बेंगलुरु भारत की एयरोस्पेस राजधानी के रूप में उभरा है। इसके अलावा बेंगलुरु अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के निकट स्थित बोईंग और एयरबस एयरोस्पेस में एंकर इन्वेस्टर्स है।

वहीं एयरो इंडिया के लिए आयोजन स्थल को बदलने की खबरों के बाद इस मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने इस मुद्दे पर अपना दर्द व्यक्त किया है ।

कुमारस्वामी ने कहा, ‘मोदी सरकार ने यह निर्णय राजनीतिक कारणों से लिया है। हम इस तरह के कदम का विरोध करते हैं क्योंकि एयरोनॉटिकल साइंस में बेंगलुरु अग्रणी है। एयरो इंडिया जैसे किसी कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए इसका सबसे बड़ा एयरबेस भी है। यदि केंद्र इसको स्थानान्तरित करता है तो कर्नाटक के लोग बीजेपी को सबक सिखाएंगे।’

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