भारत का महाराजा यानी एअर इंडिया कर्ज के बोझ तले दबा है। फंड की कमी से जूझ रही सरकारी एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया के तकरीबन एक चौथाई विमान इन दिनों जमीन पर हैं और उड़ान नहीं भर पा रहे। ऐसे में नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि एअर इंडिया भारी कर्ज बोझ से जूझ रही है। उसकी विरासती समस्याओं से भी निपटने की जरूरत है। घाटे में चल रही एअर इंडिया पर 48,000 करोड़ रुपये से अधिक कर्ज होने का अनुमान है। इस कर्ज से निपटने के लिए एअर इंडिया के हिस्सेदारी को बेचने को कोशिश की गई थी, लेकिन सरकार इस मामले में फेल रही है।

सुरेश प्रभु ने कहा कि एअर इंडिया एक विरासती समस्या है। एअर इंडिया का कर्ज असहनीय है, एअर इंडिया को छोड़िये कोई भी इसके कर्ज से नहीं निपट सकता। किसी भी विमानन कंपनी के लिए इतने कर्ज के साथ सेवा देना संभव नहीं है। इसकी विरासती समस्याओं से कैसे निपटा जाए उसके लिए तौर तरीकों पर विचार करने की जरूरत है।

आपको बता दें कि 2007 में इंडियन एयरलाइंस का विलय होने के बाद से एयर इंडिया लगातार घाटे का सामना कर रही है। लेखा परीक्षित आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2016- 17 में एयर इंडिया पर कुल मिलाकर 47,145.62 करोड़ रुपये का घाटा था।जो दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है।

पिछले दिनों जेट एयरवेज के वित्तीय संकट की खबर आई थी। बताया गया था कि जेटएयरवेज के पास महज 60 दिनों के उड़ान के लिए ही पैसे है। इस मामले पर नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि निजी एयरलाइंस को अपनी चुनौतियों से खुद निपटना होगा, सरकार की भूमिका तो केवल नीतिगत स्तर की ही हो सकती है। ऐसे में सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि घाटे में चल रही एयर इंडिया क्या उबर पाएगी।

ब्यूरो रिपोर्ट,एपीएन

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