अब CBSE अफिलीएटड स्कूलों में छठी से आठवीं क्लास के स्टूडेंट्स का असेसमेंट उसी पैटर्न पर होगा जो  NCERT  ने बनाया है। क्योंकि CBSE   ने छठी से आठवीं क्लास के लिए असेसमेंट सिस्टम बदलने का फैसला लिया है। बता दें कि अब तक CBSE, NCERT के पैटर्न की बजाय अपने बनाए अलग सिस्टम के हिसाब से असेसमेंट करता रहा है। इसे लेकर बाल आयोग यानी नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (एनसीपीसीआर) ने आपत्ति जताई थी और तत्काल इस सिस्टम को वापस लेने का निर्देश दिया था।

CBSE ने एनसीपीसीआर के निर्देश के बाद  अब अपना बनाया सिस्टम वापस ले लिया है। CBSE की तरफ से सभी अफिलीएटड स्कूलों को भी इस संबंध में जानकारी दे दी गई है। एनसीपीसीआर मेंबर प्रियंक कानूनगो ने कहा कि बोर्ड का यह काम शिक्षा में सुधार की तरफ देश को आगे ले जाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न सिर्फ बस्ते का बोझ कम होगा बल्कि जो अकैडमिक भेदभाव चल रहा था, वह भी कम होगा।

प्रियंक कानूनगो ने कहा कि पिछली सरकारों में जो अनियमितता चली आ रही थी उसे ठीक करना ही है, साथ ही सबको कानून का पालन करना होगा। कमिशन ने CBSE को निर्देश दिया था कि सीबीएसई का नया यूनिफॉर्म सिस्टम तभी लागू हो सकता है जब NCERT अकैडमिक अथॉरिटी होने के नाते इसे मान्यता दे। कमिशन ने CBSE से अपना सीसीई पैटर्न वापस लेने को कहा था। जिसे अब CBSE ने वापस ले लिया है।

CBSE ने बनाया था NCERT से अलग सिस्टम
NCERT  ने असेसमेंट के लिए कंटिन्युअस ऐंड कॉम्प्रिहेन्सिव इवैल्यूऐशन (सीसीई) मॉडल तैयार किया है। लेकिन CBSE इस सीसीई पैटर्न को फॉलो नहीं कर रहा है। CBSE से संबंधित स्कूल अलग सीसीई पैटर्न लागू कर रहे हैं। NCERT ने जो सीसीई मॉडल बनाया है उसमें फॉरमेटिव असेसमेंट यह परखने के लिए होता है कि टीचर किस तरह पढ़ा रहे हैं और उससे बच्चे की सीखने की योग्यता बढ़ रही है या नहीं। इसके ग्रेड बच्चों को नहीं दिए जाते। यह टीचर का मूल्यांकन होता है। सब्मिटिव असेसमेंट में बच्चों को टेस्ट होता है और इसी असेसमेंट के मार्क्स बच्चों की मार्कशीट पर होते हैं। लेकिन CBSE  के सीसीई पैटर्न में बच्चों की मार्कशीट पर 40 पर्सेंट मार्क्स फॉरमेटिव असेसमेंट के होते हैं और 60 पर्सेंट सब्मिटिव असेसमेंट के। एनसीपीसीआर के मुताबिक राइट टु एजुकेशन का उल्लंघन है।

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