जाट आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे जाट नेताओं और राज्य सरकार के बीच हुई बातचीत में सहमति बन गई है। शाम को हुई पहले दौर की बातचीत असफल रही थी लेकिन अब दूसरे दौर की बातचीत सफल रही। इस बातचीत के बाद जाट नेताओं ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है।  इसकी जानकारी  जाट नेता विश्वेन्द्र सिंह ने दी।

आपको बता दें कि यह वार्ता  धौलपुर-भरतपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति व सरकार के मध्य हुई है। वार्ता में समिति के संयोजक नेमसिंह फौजदार, विधायक विश्वेन्द्र सिंह मौजूद थे । जबकि सरकार की ओर से सामाजिक न्याय व आधिकारिता विभाग के सचिव बी.एल. जाटावत, आईजी आलोक वशिष्ठ, डीसी सुबीर कुमार व जिला कलक्टर डॉ एन.के. गुप्ता भी उपस्थित हुए। बता दें कि यह बातचीत आईजी या संभागीय आयुक्त कार्यालय में हुई।

इससे पहले कल ही राजस्थान के भरतपुर में आरक्षण को लेकर जाटों ने जिले के सभी रेल और सड़क मार्गों पर चक्का जाम शुरू कर दिया।  भरतपुर-धौलपुर के जाट ओबीसी में आरक्षण की मांग को लेकर पिछले दो वर्षों से आंदोलनरत है, जिसके तहत उन्होंने करीब 15 दिन पहले सरकार को 23 जून से चक्का जाम करने की चेतावनी दे दी थी।

दरअसल जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ककी मांग थी कि दोनों जिले के जाटों को ओबीसी में आरक्षण की अधिसूचना सरकार को शीघ्र ही जारी करनी चाहिए।  जब तक यह फैसला नहीं हो जाता, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा। उधर समाज कल्याण मंत्री अरुण चतुर्वेदी का कहना है कि ओबीसी की जाट आरक्षण पर रिपोर्ट गुरुवार शाम मुख्यमंत्री को सौंप दी गई है, ऐसे में जाट आंदोलन खत्म कर दें।

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