चीन और भारत के आपसी विवादों को बातचीत से ही सुलझाया जाए….यही सबसे पहली कोशिश होनी चाहिए। यही नतीजा निकल कर आया है दोनों पक्षों की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत के हाने के बाद। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सीमा पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच यह पहली बड़ी कोशिश है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लेह स्थित 14वीं कोर के जनरल कमांडिंग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। दोनों पक्षों के बीच यह बातचीत पूर्वी लद्दाख में चीन की साइड में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर माल्डो में हुई जहां अक्सर बॉर्डर पर्सनल मीटिंग होती है।

हम आपको बता दें कि शनिवार को दोनों देशों की तरफ से हुई लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत से पहले स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों सेनाओं के बीच 12 राउंड बातचीत हो चुकी है। इसके अलावा 3 मेजर जनरल स्तर की भी बातचीत हुई है। इससे पहले भारत और चीन के बीच सीमा पर जारी विवाद को लेकर सैन्य स्तर की बातचीत से पहले कूटनीतिक स्तर पर बनी सहमति ने तनाव को शांति से खत्म करने की राह खोल दी है। दोनों देशों के विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के बीच बातचीत हुई, जिसमें मतभेदों को शांति से दूर करने पर सहमति बनी। दोनों देशों ने एक दूसरे की संवेदनशीलता, चिंता और आकांक्षाओं का सम्मान करने और इन्हें विवाद नहीं बनने देने पर भी सहमति जताई।

वीडियो कांफ्रेंस के जरिए विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया), नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय में महानिदेशक वु जिआनघाओ के बीच बातचीत हुई। एक महीने से अधिक समय से चल रहे गतिरोध में पहली बार दोनों देशों में इस स्तर पर बातचीत हुई है और अब माना जा रहा है कि सैन्य स्तर की बातचीत में कुछ ठोस रास्ता निकल सकता है।

बयान में कहा गया है कि दोनों पक्ष दोनों देशों के नेतृत्वों द्वारा दिए किए गए दिशानिर्देशों के मुताबिक मतभेदों को दूर करने पर सहमत हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई दो अनौपचारिक शिखर बैठकों में लिए गए फैसलों के संदर्भ में यह कहा गया।

विदेश मंत्रालय ने कहा, ”दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों के नेतृत्वों के मार्गदर्शन के तहत दोनों देशों को अपने मतभेदों को शांतिपूर्ण चर्चा के जरिए दूर करना चाहिए। इन मतभेदों को दूर करने वाली चर्चा के दौरान दोनों पक्ष एक दूसरे की संवेदनशीलता, चिंताओं और आकांक्षाओं का सम्मान करेंगे और इन्हें विवाद नहीं बनने देंगे।”

दोनों देशों की सेनाओं के बीच लद्दाख में पिछले एक महीने से तनातनी है। पूर्वी लद्दाख में कम से कम चार स्थानों पर दोनों सेनाएं बड़ी संख्या में आमने-सामने डटी हुई हैं। बहरहाल आज की बातचीत के बाद यह साफ हो गया है कि आपसी मसले बातचीत के जरिए ही सुलझाए जा सकेंगे।

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