आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी सीबीआई की ‘नो एंट्री’। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ ने भी राज्य में मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को दी गई सामान्य सहमति वापस ले ली गई है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

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यह कदम उसी दिन उठाया गया है जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाले एक पैनल ने आलोक वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाते हुए उन्हें अग्निशमन सेवा, नागरिक रक्षा और होमगार्ड्स महानिदेशक के पद पर नियुक्त किया है।

केंद्रीय सतर्कता आयोग की जांच रिपोर्ट में वर्मा पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया था। अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान का हवाला देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय और कार्मिक मंत्रालय से सीबीआई को राज्य में कोई भी नया मामला दर्ज नहीं करने का निर्देश देने की मांग करते हुए उन्हें पत्र लिखा है।

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2001 में छत्तीसगढ़ सरकार ने सीबीआई को सामान्य सहमति दी थी। पश्चिम बंगाल और आंध्रप्रदेश सरकारों ने अपने यहां जांच करने और छापा मारने के लिए सीबीआई को दी गई सामान्य सहमति पिछले साल वापस ले ली थी। दिल्ली में कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि सामान्य सहमति वापस लेने का पहले से सीबीआई जांच वाले मामलों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

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